केंद्र की शिक्षा नीति के अक्स में झारखण्ड में 2000 शिक्षाकर्मियों की सेवा होगी समाप्त

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केंद्र की नई शिक्षा नीति में 10वीं बोर्ड खत्म, केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड एम-फिल होगा बंद, कालेज की डिग्री 4 साल की अब पांचवीं तक के छात्रों को मातृभाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रभाषा में ही पढ़ाया जाएगा। बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा। पहले 10वीं बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा। नौवीं से 12वीं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फार्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा। वहीं क की डिग्री 3 और 4 साल की होगी। यानी ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी। 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर
एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में एमए कर सकेंगे। एमए के छात्र अब सीधे पीएचडी कर सकेंगे। स्टूडेंट्स बीच में भी कर सकेंगे दूसरे कोर्स । हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रास एनरोलमेंट रेशियो 50 प्रतिशत हो जाएगा। वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है। हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड एकेडमिक, एडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल आटोनामी आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब विकसित किए जाएंगे। एक नेशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (एनइटीएफ) शुरू किया जाएगा। सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए समान नियम होंगे।
लागू होने के बाद भारतीय शिक्षा में बहुत सुधार हो सकता हैं।
केंद्र के शिक्षा नीति के कारण झारखंड के 65 अंगीभूत कॉलेजों में संविदा पर बहाल 2000 शिक्षक व कर्मियों की सेवा समाप्त की जा रही है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गई है, इस वजह से इन संस्थानों में इंटर की कक्षा में पढ़ाने के लिए संविदा पर बहाल शिक्षकों व कर्मियों की सेवा समाप्त करने की नौबत आई है। विभिन्न कॉलेज इसके लिए अपने स्तर से आदेश भी निकाल रहे हैं। शिक्षक व कर्मियों की सेवा 31 मई 2023 के प्रभाव से समाप्त होगी। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में 9वीं से 12वीं की पढ़ाई स्कूल स्तर पर निर्धारित की गई है, जबकि स्नातक- स्नातकोत्तर की पढ़ाई कॉलेज स्तर पर की गई है। झारखंड में भी इसे नए शैक्षणिक सत्र से लागू किया जा रहा है। इसी के तहत अंगीभूत कॉलेजों में पूर्व से चल रही इंटरमीडिएट की पढ़ाई को बंद किया जा रहा है। इंटरमीडिएट की पढ़ाई ह प्लस टू स्कूलों के साथ-साथ इंटरमीडिएट कॉलेजों में होगी। इंटरमीडिएट कॉलेजों में जहां इंटर की पढ़ाई होती है, वहां नौवीं- 10वीं की भी पढ़ाई भी शुरू करने की तैयारी हैं।

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