कोयलांचल की कोयला खदानों में हो रहे अवैध उत्खनन, अवैध उत्खनन में जा रही गरीबों की जान और सीसीएल, बीसीसीएल के कोयला चोरी पर रोक लगाने एवं इसकी जांच कराने के लिए हाई कोर्ट को अपने स्तर से एक उच्च स्तरीय जांच टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग को लेकर कतरास निवासी विजय कुमार झा द्वारा हाई कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. विजय कुमार झा धनबाद जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के साथ बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के अध्यक्ष रह चुके हैं. अभी वह विधायक सरयू राय के नेतृत्व में गठित जनमोर्चा के जिला संयोजक हैं. श्री झा ने दायर पीआईएल में कोयला चोरी, अवैध उत्खनन और अवैध उत्खनन में जा रही आम जनता की जान को लेकर कोल इंडिया के सचिव से लेकर झारखंड सरकार, धनबाद एसएसपी, सीआईएसएफ, डीजीएमएस और बीसीसीएल के अधिकारियों को भी पार्टी बनाया है. उन्होंने पीआईएल में आरोप लगाया है कि ये सभी अधिकारी इन घटनाओं से अनभिज्ञ नहीं हैं. राष्ट्र की संपत्ति कोयले की चोरी सभी अधिकारियों की सांठ-गांठ से हो रही है.
32 मिलियन टन उत्पादन, 10 मिलियन टन चोरी
विजय झा ने पीआईएल में आध दर्जन से अधिक अधिकारियों को पार्टी बनाया है. पीआईएल में उन्होंने दावा किया बीसीसीएल प्रति वर्ष 32 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करता है. जबकि कोयला माफिया के नेटवर्क के द्वारा बीसीसीएल के बंद खदानों से 10 मिलियन टन कोयले की अवैध निकासी या चोरी हो रही है. उन्होंने बताया कि बीसीसीएल अपनी 23 कोयला खदानों में से कोयला चोरी को रोकने के लिए सीआईएसएफ को प्रति वर्ष 200 करोड रुपये का भुगतान करती है. लेकिन फिर भी कोयला चोरी रुक नहीं रही है.
कोयला चोर गिरोह का सहयोग करती है पुलिस
विजय झा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि संगठित गिरोह द्वारा साइकिल, मोटरसाइकिल और छोटे वाहनों से एक स्थान पर कोयला को एकत्र करने के बाद पुलिस की मदद से ट्रक से कोयला अन्य राज्य भेजा जाता है. उन्होंने कोल इंडिया के सीएमडी और चीफ विजिलेंस ऑफिसर पर भी कोयला माफियाओं के साथ मिले होने का आरोप लगाया है.
समर्थन में जमा किये कई महत्वपूर्ण दस्तावेज
पीआईएल कर्ता ने अपने दावे के समर्थन में अवैध उत्खनन से संबंधित तस्वीरें, साइकिल से कोयला चोरी की तस्वीरें, अखबारों में छपे अवैध कोयला चोरी के समाचार के दस्तावेज जमा किए हैं. साथ ही एक फरवरी 2022 को अवैध उत्खनन में घायल 12 वर्षीय लड़की की मेडिकल रिपोर्ट भी जमा कराई है. इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा कराए हैं.
अधिकारियों ने भी मानी है चोरी की बात
याचिकाकर्ता विजय झा ने अपने पीआईएल में बताया है कि उन्होंने कोयला चोरी, अवैध उत्खनन उत्खनन के दौरान होने वाली मौतों को लेकर कई जिम्मेदार अधिकारियों को संपर्क कर ज्ञापन सौंपा है. लगभग सभी अधिकारियों ने कोयला चोरी और अवैध उत्खनन की बात स्वीकार की है बावजूद भी किसी के द्वारा अवैध खनन रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया.
अवैध उत्खनन में 23 लोगों के मरने के बाद दायर किया पीआईएल
विजय झा ने बताया कि निरसा थाना क्षेत्र के गोपीनाथपुर कापासारा, दहीबाड़ी में स्थित ईसीएल और बीसीसीएल के बंद कोयला खदानों में अवैध उत्खनन के दौरान एक फरवरी 2022 को 23 लोग चाल धंसने से मारे गए. इसके बाद उन्होंने पीआईएल दायर कर इस घटना की जांच की मांग की. उन्होंने बताया कि ऐसी ही घटनाएं जिले के अन्य खदानों में भी हुई है. प्रतिदिन दर्जनों थाना व अधिकारी के घर के सामने से साईकल पर चोरी का कोयला ढोया जाता है. जो कि अवैध उत्खनन के नेटवर्क को बताता है.
“देश की संपदा की खुलेआम लूट मची है. राज्य व केंद्र सरकार, सांसद, विधायक, अधिकारी सभी खामोश है. क्योंकि चोरी में सभी का हिस्सा तय है. मुझे किसी से उम्मीद नहीं है, इसलिए मैंने पीआईएल के माध्यम से मांग की है कि कोर्ट अपनी निगरानी में एसआईटी गठित कर जांच कर कार्रवाई करें.