मणिपुर की हिंसा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक औपचारिकता मात्र है. कांग्रेस ने यह टिप्पणी की है. कल हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार करार दिया. कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए. इस क्रम में कांग्रेस ने कहा, मणिपुर हिंसा के 52 दिन बाद बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक औपचारिकता मात्र है.
इबोबी सिंह को तीन घंटे की बैठक में सात मिनट बोलने दिया गया
कहा कि सरकार ने यह बैठक सिर्फ समाचारों की हेडलाइन बनाने के लिए रखी थी. आरोप लगाया कि सर्वदलीय बैठक में शामिल मणिपुर विधायक दल के नेता और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह को तीन घंटे की बैठक में सिर्फ सात मिनट बोलने दिया गया. इसे कांग्रेस ने मणिपुर का अपमान करार दिया.
राज्य सरकार हिंसा रोकने में असमर्थ रही है
बैठक के बाद कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश व इबोबी सिंह ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार हिंसा रोकने में असमर्थ रही है इसलिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ें. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय 2001 में मणिपुर में हिंसा हुई थी लेकिन मणिपुर शांति, अमन, सद्भावना और विकास के रास्ते पर लौट गया.
उग्रवादी समूहों के हथियार तुरंत छीने जाने चाहिए
कहा कि इबोबी सिंह 15 साल तक मणिपुर में CM रहे मगर सर्वदलीय बैठक में उन्हें सिर्फ तीन घंटे की बैठक में सिर्फ सात मिनट बोलने का समय दिया गया, जो मणिपुर का अपमान है. सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री को करनी चाहिए थी. साथ ही कहा कि उग्रवादी समूहों के पास मौजूद हथियार बिना किसी समझौते के तुरंत छीने जाने चाहिए.