लोकसभा सचिवालय से आज सोमवार को राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी गयी है. लोकसभा सचिवालय ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लोकसभा के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रमाणित कॉपी की जांच की. जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने वायनाड से सांसद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल की. ऐसे में आज राहुल सदन में नजर आ सकते हैं.
दिल्ली 10 जनपथ के बाहर समर्थक सदस्यता बहाल करने का मना रहे जश्न
बताते चलें कि मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनायी थी. कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के अंदर लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी थी. साथ ही लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक लगाने के बाद उनकी सदस्यता बहाल कर दी गयी. दिल्ली 10 जनपथ के बाहर समर्थक राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किये जाने का जश्न मना रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की सजा पर लगायी थी रोक
बता दें कि मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए दो साल की सजा पर की रोक लगा दी थी. जिसके बाद उनके संसद बहाली का रास्ता साफ हो गया था. राहुल 2019 लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से चुनाव जीते थे. कांग्रेस ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने को लेकर लोकसभा सचिवालय को दो पत्र सौंपे थे.
रैली को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम को लेकर दी थी टिप्पणी
बता दें कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे है? इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. पूर्णेश मोदी ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
सेशन कोर्ट और हाई कोर्ट ने दोष सिद्धि पर रोक लगाने वाली याचिका की थी खारिज
सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिया था. साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनायी थी. अदालत ने राहुल को जमानत तो दे दी थी. लेकिन दोषी करार दिये जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट के फैसले की वजह से राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द हो गयी थी. जिसके बाद राहुल ने सेशन कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. इस याचिका को गुजरात हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था. जिसके बाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा पर रोक लगा दी.