भाजपा नेता जहां अपने घर के बच्चों को पढ़ने भेजते है विदेश वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के होनहार यूवाओ को पढ़ने भेज रहे विदेश

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ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता भारतीय विश्वविद्यालयों की तुलना में विदेशी विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उनमें से कई ने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा है।प्रधानमंत्री के मंत्रिपरिषद के 56 मंत्रियों में से 12 ने अपने बच्चों को विदेशी विश्वविद्यालयों में भेजा है। रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की बेटी राधिका ने मई 2019 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जबकि उनके बेटे ध्रुव ने वहां से अर्थशास्त्र में बीए किया है और अब विश्वविद्यालय से एमबीए कर रहे हैं।सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बेटे अपूर्व बोस्टन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी कर ली है।
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) के सभी तीन प्रमुख मंत्रियों – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर – के बच्चों ने विदेशी विश्वविद्यालयों से अपनी डिग्री प्राप्त की है। सिंह के छोटे बेटे नीरज ने यूके में लीड्स विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई पूरी की, जबकि सीतारमण की बेटी वांगमयी परकला ने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में मास्टर डिग्री पूरी की। जयशंकर के बेटे ध्रुव ने अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से एमए किया और बेटी मेधा ने डेनिसन यूनिवर्सिटी से सिनेमा में बीए किया।
भारत में कानून की प्रैक्टिस करने वाले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बेटे आदित्य शंकर ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के छोटे बेटे सचिन ने मेलबर्न की मोनाश यूनिवर्सिटी से फाइनेंस और अकाउंटेंसी का कोर्स किया है । खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल की बेटी ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की बेटी सुहासिनी, जो पेशे से एक निशानेबाज हैं, ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से नेतृत्व में अपना उन्नत डिप्लोमा पाठ्यक्रम पूरा किया है। (उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास) में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के बेटे अरुणोदय ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से आर्थिक विकास में सर्टिफिकेट कोर्स पूरा किया।
संचार राज्य मंत्री संजय धोत्रे के बेटे नकुल ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और अब वहीं बस गए हैं । नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी की बेटी तिलोत्तमा नेवारविक विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) से एलएलएम किया। वह अब अमेरिका में बस गई हैं।
इसी तरह भाजपा के कई नेता भी अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाई करवा रहे हैं।
जबकि झारखंड के युवा और यशस्वी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड के होनहार और जरूरतमंद बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने का प्रावधान लागू किया है जो कि झारखंड के छात्रों के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की शुरुआत की। राज्य सरकार की छात्रवृत्ति पर अनुसूचित जनजाति के 10, अनुसूचित जाति के 5, पिछड़ा वर्ग के 7 और अल्पसंख्यक वर्ग के 3 विद्यार्थियों का अब विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का सपना साकार होगा. मुख्यमंत्री ने सीएम फैलोशिप प्रोग्राम जल्द शुरू करने की घोषणा की. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड ने होनहार और जरूरतमंद बच्चों को विदेश में पढ़ाने के लिए इस योजना के तहत दुनिया के 100 से ज्यादा विश्वविद्यालय में एमफिल और पीएचडी समेत अन्य कोर्स के लिए स्कॉलर्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, आर्थिक अभाव की वजह से कोई भी प्रतिभावान विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित न रहे, यह सरकार का संकल्प है. मुख्यमंत्री बोले, बच्चों की प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का खर्च सरकार उठा रही है. झारखंड सीएम ने कहा, अगर आप शिक्षित होंगे तो आपकी अगली पीढ़ी भी निश्चित तौर पर पढ़ेगी. इसी बात को ध्यान में रखकर शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में नई शुरुआत कर रहे हैं. इसके तहत कड़ी से कड़ी जोड़कर व्यवस्था को मजबूत और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई के प्रति लगाव और उत्सुकता बनी रहे, इसके लिए कई योजनाएं शुरू की है. ताकि, आर्थिक अभाव की वजह से कोई भी प्रतिभावान विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित ना रहे. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना कोई एक योजना मात्र नहीं है. यह इतिहास बनाने का एक मौका है. क्योंकि, जिन अंग्रेजों के खिलाफ हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किया है, उन्हीं की धरती पर जाकर आप उच्च शिक्षा ग्रहण कर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रहे हैं. यह सब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच का ही परिणाम है. उन्होंने कहा कि इस योजना के साथ विद्यार्थियों को कोई शर्त नहीं रखी गई है. आप कहीं भी अपना कार्य करें.अगर आप अच्छा करेंगे तो उसी में झारखंड भी नाम रोशन होगा. वहीं, आप इस राज्य की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहते हैं. कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो उसमें सरकार आपको पूरा सहयोग करेगी.
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना के तहत 25 प्रतिभावान विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. इनमें अनुसूचित जनजाति श्रेणी के 10 और अनुसूचित जाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के 15 छात्र- छात्राओं का चयन इस वर्ष इस योजना के लिए हुआ है. सभी चयनित विद्यार्थियों को यूनाइटेड किंगडम और नॉर्दर्न आयरलैंड के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत है कि चयनित विद्यार्थियों के पढ़ाई के साथ साथ रहने-खाने और अन्य जरूरतों का खर्च भी राज्य सरकार वहन करती है. ज्ञात हो कि इस योजना की शुरुआत वर्ष 2021 में हुई थी.

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