छात्राओं का आरोप: प्रबंधन इन्हीं कमरों में रहने के लिए कर रहा मजबूर
Ranchi: रिम्स में मारपीट की घटना के बाद प्रबंधन ने 20 जुलाई को एमबीबीएस और बीडीएस के छात्र-छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का निर्देश दे दिया. दलील दी गई कि नए सिरे से हॉस्टल का आवंटन होगा और जर्जर हॉस्टल के कमरों की रिपेयरिंग होगी. इन सबके बीच प्रबंधन ने 7 अगस्त से बीडीएस छात्र-छात्राओं को हॉस्टल आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. छात्राओं में इस बात को लेकर नाराजगी है कि प्रबंधन ने हॉस्टल रिपेयरिंग की बात कही थी, लेकिन हॉस्टल रिपेयरिंग नहीं किया गया.
छोटे-छोटे कमरों में रखे जा रहे 2 से 4 स्टूडेंट्स
नाम ना लिखने की शर्त पर छात्राओं ने कहा कि गर्ल्स हॉस्टल-5 का कमरा रहने लायक नहीं है. सीलिंग में दरार है. यह कभी भी गिर सकता है. रूम में सीपेज है. ऐसी स्थिति में रहेंगे तो तबीयत खराब होगी. साथ ही नए सिरे से हॉस्टल के आवंटन से पूर्व कहा गया था बैच के अनुसार हॉस्टल का आवंटन होगा. लेकिन आवंटन के वक्त सीनियर जूनियर को एक साथ मिलाकर रखा जा रहा है. छोटे कमरे में 2 से 4 छात्राओं को रखा जा रहा है.
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सर्कुलर की अनदेखी
रांची के रहने वाले छात्र-छात्राओं को हॉस्टल में कमरा नहीं दिया जा रहा है. इस वजह से उन्हें हर रोज आने-जाने में परेशानी हो रही है. वहीं बिना रूम आवंटन के क्लास शुरु कर दिया गया है. जिससे रात में रुकने की जगह नहीं मिल रही है. छात्रों ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सर्कुलर का हवाला देते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं के बढ़ने पर सुविधा बढ़ाने का जिक्र है, लेकिन यहां इसके ठीक विपरीत हो रहा है.