राज्य के सहायक पुलिस कर्मियों को दो साल की अवधि विस्तार देने की घोषणा

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रघुवर दास की पूर्ववर्ती सरकार में अस्थायी नौकरी पाए झारखंड के अति नक्सल प्रभावित 12 जिलों के लगभग 2500 सहायक पुलिसकर्मी तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के पहले नौकरी को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं। पूर्व की रघुवर दास सरकार ने अपने शासनकाल में कभी भी सहायक पुलिस कर्मियों को अस्थाई करने का कोई काम नहीं किया एक तरह से उन्हें धोखा और ठगा गया। झारखंड के संवेदनशील मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या पर संज्ञान लेते हुए उनकी नौकरी क्यों को 2 साल का सेवा विस्तार दिया है । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सहायक पुलिस कर्मियों को दो साल की अवधि विस्तार देने की घोषणा की. सीएम ने चाईबासा में आयोजित प्रमंडलीय रोजगार मेले में ऑफर लेटर वितरण समारोह को संबोधित करने के दौरान इस बात की घोषणा की. कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों के भविष्य को लेकर सरकार चिंतित है और इस दिशा में जल्द ठोस निर्णय लिए जाएंगे. राज्य की सवा तीन करोड़ की आबादी की सेवा करने का सरकार ने संकल्प ले रखा है. इस दिशा में काफी कम समय में हमने कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जो राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं. जन कल्याण से जुड़ी योजनाएं अब धरातल पर उतर रही है और उसका असर भी दिख रहा है.
सोरेन ने आज चाईबासा में आयोजित प्रमंडलीय रोजगार मेले में ऑफर लेटर वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों के भविष्य को लेकर सरकार चिंतित है और इस दिशा में जल्द ठोस निर्णय लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ की आबादी की सेवा करने का सरकार ने संकल्प ले रखा है। इस दिशा में काफी कम समय में हमने कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जो राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं । जन कल्याण से जुड़ी योजनाएं अब धरातल पर उतर रही है और उसका असर भी दिख रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में चारों ओर से रोजगार के
दरवाजे खुल चुके हैं । इस कड़ी में पढ़े लिखे एवं कम पढ़े-लिखे
तथा निरक्षर लोगों के लिए रोजगार की कई योजनाएं चल रही हैं। जो स्वरोजगार के इच्छुक हैं, उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन
योजना के तहत आर्थिक मदद कर रहे हैं। सोरेन ने कहा कि हम सिर्फ युवाओं को रोजगार नहीं दे रहे हैं बल्कि उन्हें प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकारी मदद भी कर रहे हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत युवाओं को अपने प्रखंड में ही कौशल विकास का निःशुल्क प्रशिक्षण देने के लिए बिरसा केंद्र खोला गया है। विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए सरकार शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है। अत्यंत संवेदनशील आदिवासी समुदाय के युवक-युवतियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है। ऐसी कई और भी योजनाएं हैं जो आपके भविष्य को बनाने के लिए सरकार ने शुरू की है।

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