सरकार व प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी लातेहार में महिलाओं को डायन बताकर प्रताडि़त करने का मामला थम नहीं रहा है. दो माह पहले जिले के चंदवा व बरवाडीह प्रखंडों में डायन के आरोप मे वृद्ध दंपति की हत्या कर दी गई थी. ताजा मामला जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के बालू ग्राम का है. इस बाबत ग्रामसभा हुई और डायन बताकर महिला नीरवा उरांव को सामूहिक रूप से तड़ीपार कर दिया गया. ग्रामसभा में उस महिला को न सिर्फ बाल पकड़ कर पीटा गया वरन उसे घर से बाहर कर घर में ताला लगा दिया गया. गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगा कर सार्वजनिक बहिष्कार का फरमान सुना दिया गया है.
ग्रामसभा में डायन साबित करने की कोशिश
सोमवार को पीड़िता नीरवा देवी ने पुलिस अधीक्षक, लातेहार को आवेदन सौंपा कर न्याय की गुहार लगायी. उसने आवेदन में बताया है कि 20 अगस्त की शाम गांव के जया भगत के द्वारा ग्रामसभा बुलाई गई. ग्रामसभा मे सभी ने उसे डायन साबित कर दिया और कहा कि वह दिनेश्वर का सात महीने के बच्चे को खा गयी है. ग्रामसभा में प्रतिमा और फुलमंती कुमारी पर भी डायन सीखने का आरोप लगाया गया. नीरवा उरांव ने बताया कि ग्रामसभा में महादेव उरांव, इंदरू उरांव, कामेश्वर उरांव, दिनेश्वर उरांव, उर्मिला देवी, कमली देवी, किरण देवी, शांति देवी, मडवारी उरांव, किशुन उरांव, ललु उरांव, साधनी देवी, देवंती देवी, बोले उरांव, राजेश उरांव, धनेश्वरीदेवी, केशव उरांव, धमेद्र उरांव, प्रमेंद्र उरांव, शांति देवी, सविता देवी, रविंद्र उरांव, जागे उरांव, बाले उरांव, धनश्वरी देवी, विनिता देवी, विनोद उरांव, फुलेश्वर उरांव, रामचंद्र उरांव, अनिता देवी, शांति देवी, सविता देवी, सुमन उरांव, सुनील उरांव, मुनिता देवी व सुनील उरांव आदि शामिल थे.
पीड़ित महिला के साथ मारपीट
नीरवा उरांव ने आवेदन में बताया कि ग्रामसभा में शांति देवी व धनेश्वर देवी उसका बाल पकड़ कर उसे मारने लगी. जब उसे बचाने के लिए फुलमती, प्रतिमा व संपति कुमारी आगे आयी तो कुलेश्वर उरांव उन्हे डंडा से पीटने लगा. ग्रामसभा के लोग उसका सिर मुंडन कर चूना लगा कर घुमाने वाले थे, लेकिन मुखिया भादे उरांव के कहने पर वे रूक गये. ग्रामसभा में निर्णय ले कर उन्हें उसके घर से निकाल दिया और घर मे ताला बंद कर दिया गया. गांव में घुसने पर रोक लगा दी गई और उसका सार्वजनिक बहिष्कार कर दिया गया. मारपीट में नीरवा उरांव को काफी चोटें आयी है और वह सदर अस्पताल में अपना इलाज करवाया.