गुवा बाजार स्थित कार्यालय में संयुक्त यूनियनों ने बैठक कर सारंडा के ग्रामीणों का समर्थन करने का निर्णय लिया है. सारंडा के ग्रामीणों ने सेल की किरीबुरू एवं मेघाहातुबुरु खदान में 29 अगस्त से अनिश्चितकालिन आर्थिक नाकाबंदी करने का निर्णय लिया है. खान समूह ने किरीबुरू, मेघाहातुबुरु, गुवा एवं चिड़िया खदान के लिये आईटीआई पास बेरोजगारों के लिए साक्षात्कार लिया था. इस साक्षात्कार में सारंडा के दर्जनों बेरोजगार युवाओं ने भाग लिया था. इन युवाओं को सेल प्रबंधन ने ही आईटीआई का प्रशिक्षण दिलाया था. लेकिन बहाली में सारंडा के एक भी बेरोजगारों को नौकरी नहीं दी गई. साक्षात्कार के बाद उपायुक्त से लेकर तमाम खदान प्रबंधनों से मिलकर साक्षात्कार देने वाले बेरोजगारों की सूची सौंपी गई थी. सभी जगह से आश्वासन मिला था. लेकिन एक को भी नौकरी नहीं मिली.
सीधी बहाली करे प्रबंधन – यूनिय
संयुक्त यूनियनों ने सारंडा के ग्रामीणों के समर्थन में कहा कि सेल के खदानों में स्थानीय को प्राथमिकता दी जाए. इसके लिए सेल प्रबंधन सीधी बहाली करें. जिस तरह से गुवा में वर्ष 2008 एवं 2015 में बहाली ली गई थी. इसी के आधार पर बहाली होनी चाहिए. अगर सेल प्रबंधन ऐसा नहीं करती है तो संयुक्त यूनियन भी ग्रामीणों के आंदोलन का समर्थन करेगी. मौके पर संयुक्त यूनियन के पदाधिकारियों में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन इंटक के जोनल सेक्रेटरी दुजा टोप्पो, दिलबाग सिंह, अंतर्यामी महाकुड, किशोर सिंह, विश्वजीत तांती सहित अन्य मौजूद थे.