MBBS के छात्र आशीर्वाद सुमन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान रिम्स को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. प्रार्थी के अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने अदालत में उनका पक्ष रखा. वही रिम्स की ओर से अधिवक्ता निपुण बक्शी ने कोर्ट में बहस की. बता दें कि आशीर्वाद सुमन ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है.
रिम्स में MBBS के कोर्स के लिए उनका चयन हुआ
अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि सभी अहर्ताओं को पूरा करने के बाद रिम्स में MBBS के कोर्स के लिए उनका चयन हुआ. चयन के बाद रिम्स में उन्होंने अपना एडमिशन लिया और रिम्स ने उनसे फीस भी ले ली. लेकिन कुछ दिनों बाद रिम्स ने उनका एडमिशन कैंसिल कर उनकी जगह किसी और छात्र का एडमिशन ले लिया.
बिना ठोस वजह बताये एडमिशन किया गया रद्द
जानकारी के मुताबिक लोहरदगा के रहने वाले आशीर्वाद सुमन का एडमिशन दिव्यांग कोटे से हुआ था. लेकिन अचानक उन्हें बिना किसी ठोस वजह बताये उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है. याचिका में कहा गया कि रिम्स के अधिकारियों की मिलीभगत से आशीर्वाद सुमन का नामांकन रद्द कर दूसरे राज्य के किसी छात्र को एडमिशन दिया गया है. इसलिए नामांकन रद्द करने के रिम्स के आदेश को ख़ारिज किया जाये.
