जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले ने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया, बल्कि देश की अस्मिता और सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों की संख्या 10 के करीब थी, जिनमें कुछ पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे। ये हमलावर अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे और उन्होंने निहत्थे सैलानियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई है, हालांकि आधिकारिक तौर पर एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है।
हमले में मारे गए व्यक्ति की पहचान कर्नाटक के शिवमोगा निवासी मंजूनाथ के रूप में हुई है, जो अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए पहलगाम आए थे। उनकी पत्नी पल्लवी ने मीडिया से बात करते हुए इस भयावह हमले की आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा, “हम तीन लोग – मैं, मेरे पति और हमारा बेटा – पहलगाम घूमने आए थे। दोपहर करीब 1.30 बजे अचानक गोलियां चलने लगीं। मेरे सामने ही मेरे पति को गोली मार दी गई।”
पल्लवी के अनुसार, हमलावरों ने पहले मंजूनाथ का नाम पूछा और फिर ‘हिंदू’ सुनते ही गोली चला दी। इतना ही नहीं, गोली मारने के बाद एक आतंकी ने पल्लवी से कहा – “जाओ, मोदी से कह देना।” यह बयान न केवल इस आतंकी हमले की बर्बरता को दर्शाता है, बल्कि इसके पीछे की सोची-समझी साजिश की ओर भी इशारा करता है।
पल्लवी ने यह भी बताया कि इस हमले के बाद कुछ स्थानीय लोगों ने उसकी मदद की और उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। “तीन स्थानीय नागरिकों ने मेरी जान बचाई। जब मैंने हमलावरों से कहा कि मुझे भी मार दो, तो उनमें से एक ने कहा – मैं तुम्हें नहीं मारूंगा। जाओ और मोदी को बता देना,” पल्लवी ने कहा।
इस हमले के बाद दिल्ली, जयपुर समेत कई बड़े शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही, अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस और उनके परिवार की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खतरे को उजागर किया है। केंद्र सरकार और सेना की ओर से जवाबी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है, वहीं पूरे देश में गुस्सा और दुख का माहौल है।
