राज्य में जमीन के फर्जीवाड़े और निरंतर बढ़ रहे अपराध पर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने साफ तौर पर कहा है कि जमीन घोटाले के गोरखधंधे में पुलिस के कुछ लोग भी शामिल हैं। उन्होंनें पुलिस वालों को बराबर का हिस्सेदार और गुनहगार बताया है। उन्होंने ईडी से आग्रह किया है कि वे जमीन की जालसाजी और कब्जा दिलाने के मामलों की शिकायत पर और गहराई से छानबीन करें। लाभ लेकर सहयोग देने वाले पुलिस वालों को भी चिन्हित करें। उन पर भी मनी लाँड्रिंग की समान रूप से कारवाई करें। शुरू से कह रहा हूं कि जमीन घोटाले में जालसाजी कर नाजायज कब्जा कराने, गरीब आदिवासियों की जमीन भू माफयाओं के हवाले कराने का खेल सिर्फ दलालों, जालसाजों, सत्ताधारियों, लुटेरों के बस की बात नहीं है। इस गोरखधंधे में कुछ पुलिस के लोग भी बराबर का हिस्सेदार और गुनहगार हैं।
रात के अंधेरे में पुलिस करा रही कब्जा उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि एक तरफ गरीब आदिवासी भ ऐप खोलें अपनी जमीन छडाने के लिये न्यायालय का आदेश लेकर पुलिस कीउन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि एक तरफ गरीब आदिवासी भू माफियाओं से अपनी जमीन छुड़ाने के लिये न्यायालय का आदेश लेकर पुलिस की मदद के लिये दर-दर भटकते रहे हैं। दूसरी तरफ यही पुलिस माफियाओं से लाभ लेकर रात के अंधेरे में भी जमीन कब्जा करवाती रही है। बजरा, सेना और मेडिका के बगल की जमीन तो नमूना मात्र है। ऐसे सैंकड़ों जमीन पर सत्ता के सहयोग से प्रशासन और पुलिस ने माफियाओं का कब्जा करवाया है। इस वजह गरीब आदिवासियों को शासन से भरोसा उठ गया है। – और इन लोगों में भारी आक्रोश है। लोग कानून हाथ में लेकर खुद से माफियों के कब्जे से जमीन छुड़ाने के लिये बाउंड्री तोड़ दे रहे हैं और पुलिस को माफियाओं का लठैत मान खदेड़ कर भगाने लगे हैं।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि रांची के सबसे पॉश इलाके हरमू में गोली मार कर हत्या कर दी जाती है। पॉश इलाके में कानून व्यवस्था की यह दुर्दशा है, तो सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बेटियां कितनी सरक्षित होगी? बातों बातों में बाबूलाल मरांडी ने माना कि भाजपा के 20 साल के शासन में भी सिर्फ भूमाफिया और गुंडाराज ही झारखंड में पनपा है। इस मामले पर बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दें दी।बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमने 18-19 अप्रैल को मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी. उन्हें आगाह किया कि अधिकारियों और बिचौलियों की मदद से कंपनियों को मनचाहा फायदा पहुंचाया गया. नियम विरुद्ध जाकर रि-टेंडर कराया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, शराब घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई ना कर उन्हें नोटिस जारी करना बताता है कि सरकार ने अपनी चमड़ी बचाने के लिए पूरा चक्रव्यूह रचा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसा कोई सेक्टर नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार ना हुआ हो, यह शर्मनाक है.दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि, शराब नीति के लिए नियुक्ति छत्तीसगढ़ की परामर्शी कमेटी, सिंडिकेट और अधिकारियों ने मिलकर राज्य सरकार का 450 करोड़ रुपये का घाटा किया है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर भी मुख्यमंत्री को ध्यान आकृष्ट कराया।
जमीन घोटाले की ईडी जांच पर मुखर रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अब राज्य गठन के बाद जमीन संबंधी तमाम फर्जीवाड़ों की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनके कार्यकाल से लेकर अब तक के कार्यकाल की जांच सीबीआई से कराएं। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोग सोशल मीडिया में उनसे सवाल पूछ रहे हैं। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि क्या इतना बड़ा जमीन घोटाला महज 3 साल में हुआ। उन्होंने कहा कि लोगों का जवाब मांगना वाजिब है। जवाब मिलना चाहिए। राज्य गठन के बाद से जारी है भूमि घोटाला पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि राज्य विभाजन के बाद जमीन के कागजातों के रख-रखाव की कमी व रिकॉर्ड्स को व्यवस्थित नहीं करने का लाभ दलाल, जालसाज, बिचौलियों ने कुछ बेईमान अफसरों-कर्मचारियों से मिलकर उठाया है। वह इस बात से भी इनकार नहीं करते कि राज्य बनने के बाद से ही ये धंधा हो रहा होगा। लेकिन यह भी सच है कि हेमंत सोरेन के सत्ता संभालने के बाद जमीन घोटाले को सत्ता के संरक्षण एवं हिस्सेदारी में परवान चढ़ा दिया गया। इससे पहले भी बाबूलाल मरांडी ने जमीन घोटाला को लेकर मौजूदा सरकार को घेरा अगला बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कई जिलों से लोगों ने उन्हें मैसेज लेख भेजकर जमीन फर्जीवाड़े की जानकारी होनी चाहिए। गिरिडीह के पंचबा में भी जमीन फर्जीवाड़े का मुद्दा बाबूलाल मरांडी ने उठाया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री को उक्त मामलों
की निष्पक्ष जांच कराकर सच्चाई सामने रखनी चाहिए।