जस्टिस एलपीएन शाहदेव की आज 12वीं पुण्यतिथि है. इस अवसर पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जस्टिस शाहदेव चौक पर झारखंड आंदोलन के प्रणेता रहे जस्टिस एलपीएन शाहदेव को श्रद्धा सुमन अर्पित की. बाबूलाल मरांडी ने जस्टिस एलपीएन शाहदेव को न सिर्फ झारखंड का प्रथम भूमिपुत्र न्यायाधीश बताया, बल्कि झारखंड आंदोलन में उनके महती योगदान की भी चर्चा की. कहा कि जस्टिस शाहदेव जैसे बुद्धिजीवियों के आंदोलन से जुड़ने से समाज में एक बहुत सकारात्मक संदेश गया और झारखंड अलग राज्य का सपना साकार हुआ. मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव भी मौजूद रहे.
जस्टिस शाहदेव ने मूलवासियों को आंदोलन से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी
जस्टिस शाहदेव ने मूलवासियों के एक बड़े वर्ग को आंदोलन से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. झारखंड आंदोलन में जस्टिस एलपीएन शाहदेव की प्रखर भूमिका रही. जस्टिस शाहदेव ने इस आंदोलन को बौद्धिक खुराक दी. झारखंड आंदोलन जब अपने अंतिम दौर में था और अलग राज्य लेने के लिए एक सामूहिक व संगठित प्रहार की जरुरत थी, तब जस्टिस शाहदेव ने बौद्धिक नेतृत्व किया. पूरे एक दशक तक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ने सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया. उनके अंदर झारखंड अलग राज्य के लिए एक छटपटाहट थी.