रामगढ़ उपचुनाव का रणक्षेत्र सज चुका है. योद्दा मैदान में उतरने लगे हैं. आजसू पार्टी ने सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार दिया है. आजसू ने सुनीता चौधरी को एनडीए का प्रत्याशी बताया है, लेकिन भाजपा ने समर्थन को लेकर आधिकारिक तौर पर अबतक कुछ नहीं कहा है. उम्मीदवार की घोषणा के दौरान भाजपा का कोई नेता भी वहां मौजूद नहीं था. भाजपा के सभी बड़े नेता देवघर में अमित शाह की रैली को लेकर व्यस्त थे. इसी बीच आजसू ने चुपचाप अपना उम्मीदवार उतार दिया. भाजपा लगातार कहती रही कि रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए का प्रत्याशी कौन होगा यह झारखंड से नहीं बल्कि दिल्ली से तय होगा. 20 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश ने भी यह बात दोहराई थी, कि शीर्ष नेतृत्व ही उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगा, लेकिन मौका देखते ही आजसू ने अपना उम्मीदवार उतार दिया.
भाजपा आजसू के उम्मीदवार को समर्थन कर रही
सुनीता चौधरी आजसू की प्रत्याशी हैं या फिर एनडीए की साझा प्रत्याशी. इस सवाल पर आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि सुनीता एनडीए की प्रत्याशी हैं. उपचुनाव में भाजपा आजसू के उम्मीदवार को समर्थन कर रही है. सुनीता चौधरी के नामांकन में भाजपा विधायक सीपी सिंह, जेपी पटेल और समरी लाल शामिल हुए हैं. उधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि प्रत्याशी को लेकर दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं में क्या बातचीत हुई है यह तो बड़े नेता ही बता पाएंगे. 7 जनवरी को सुदेश महतो अमित शाह से मिले थे. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से भी उनकी बातचीत हुई थी.
भाजपा और आजसू के बीचव बातचीत चल रही थी
सूत्रों का कहना है कि आजसू ने मधुपुर उपचुनाव जैसी स्थिति से बचने के लिए आनन-फानन में प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. भाजपा और आजसू के बीच प्रत्याशी को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन भाजपा की ओर से समर्थन और प्रत्याशी की घोषणा को लेकर हो रही देर को देखते हुए आजसू को मधुपुर उपचुनाव के समय पैदा हुए हालात याद आ गये. पिछली बार मधुपुर में ऐसे ही समीकरण बदला था. उपचुनाव से पहले भाजपा ने आजसू के ही घर में सेंधमारी कर दी थी और आजसू के संभावित प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह को भाजपा में शामिल कराके चुनाव लड़वा दिया था. पिछले अनुभव के कारण आजसू कहीं न कहीं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही थी यही वजह है कि उसने आनन-फानन में प्रत्याशी उतारकर अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है. अब बारी भाजपा की है उसने आधिकारिक तौर पर अबतक आजसू प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा नहीं की है.