झारखंड के युवाओं को रोजगार के लिए राज्य सरकार वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराएगी। आदिवासी व मूलवासी को उनका अधिकार दिलाने के लिए राज्य सरकार वैकल्पिक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट द्वारा नियोजन नीति रद्द कर दी गई है। राज्य सरकार ने नवंबर में 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति बनाने का विधेयक पास किया था। ओबीसी को भी 27 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक पास किया गया था। इन दोनों विधेयकों को अनुमोदन के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया है। विधेयक में इसे नौवीं अनुसूची में डालने के लिए भी लिखा गया है। ऐसा होने से जिस तरीके से षड्यंत्र होते हैं, वह नहीं हो सकेगा। आदिवासियों को अधिकार मिल सकेगा। इसे जल्द स जल्द पारित करने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया।सीएम ने कहा कि पहले भी नियोजन नीति हाईकोर्ट द्वारा रद्द की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात का अंदेशा पहले से था और पूर्व के उदाहरण को ध्यान में रखकर सरकार आगे बढ़ रही थी। सीएम ने कहा कि आश्चर्य होता है कि हाईकोर्ट में नियोजन नीति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले 20 में से 19 लोग दूसरे राज्यों के थे। झारखंड की नियोजन नीति से दूसरे राज्यों के नौजवानों व लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है।
नियोजन नीति को लेकर सत्तापक्ष-विपक्ष में खींचत सत्र के दूसरे दिन नियोजन नीति को लेकर सत्ता व दि खींचतान जमकर दिखी। सीएम हेमंत सोरेन ने नौजवान बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ के विपक्ष के आरोप पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भाजपा की मौजूदगी में विधेयकों पर जल्द मुहर लगाने के लिए राज्यपाल से मिलने की बात हुई थी।
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने सभी विभागों से रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए कार्ययोजना पर रिपोर्ट मांगी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समीक्षा की. राज्य के सभी सरकारी कार्यालय भी इसे लेकर कार्ययोजना बना रहे हैं. पूरी रिपोर्ट सीएम के समक्ष रखी जायेगी. विभाग अधिक से अधिक रिक्तियों के विरुद्ध नियुक्ति के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं. विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए नयी और संशोधित नियमावली भी बनायी गयी है. इसके तहत नियुक्ति के लिए अधियाचना राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेजी भी गयी है.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा वर्ष 2021 में फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री में साइंटिफिक असिस्टेंट के 64 पदों के लिए आवेदन लिया गया है. इसके साथ ही 956 पदों पर नियुक्ति के लिए झारखंड स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का ऑनलाइन आवेदन भी जमा लिया जा रहा है.
इसके अलावा आयोग द्वारा तीन प्रतियोगी परीक्षाओं का भी कैलेंडर जारी किया गया है. स्वास्थ्य विभाग में यूनानी मेडिकल अफसर के 78 पद, होम्योपैथी डॉक्टर-137, आयुर्वेद डॉक्टर-207 पद, असिस्टेंट प्रोफेसर – 110, रिनपास में आठ, डेंटल डॉक्टर-12 व वरीय डेंटल डॉक्टर-20 तथा जेनरल डेंटल डॉक्टर-23, डेंटल डॉक्टर -38 (बैकलॉग), मेडिकल अफसर-234 और वेटनरी डॉक्टर-166 की नियुक्तियां होनी है.
झारखंड सचिवालय सेवा नियुक्ति (संशोधित) नियमावली के तहत 300 से अधिक पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी गयी है. झारखंड सचिवालय आशुलिपिकीय नियुक्ति (संशोधित) नियमावली संवर्ग में करीब 400 पदों पर नियुक्ति होनी है. कई विषयों में हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. वर्ष 2017 से 3088 पदों के लिए पंचायत सचिव व निम्न वर्गीय लिपिक परीक्षा की प्रक्रिया लंबित है. 43 हजार प्राइमरी से प्लस टू तक के शिक्षकों के पद खाली हैं. राज्य के शिक्षकों की भी रिक्तियां हैं.