2019 विधानसभा चुनाव में कांके विधानसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट से उम्मीदवार रहे सुरेश बैठा की इलेक्शन पिटीशन पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रार्थी सुरेश बैठा और प्रतिवादी समरी लाल दोनों पक्षों की ओर से अपनी अपनी याचिका वापस ले ली. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच में हुई. विधायक समरी लाल की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने पक्ष रखा. वहीं सुरेश बैठा की ओर से अधिवक्ता विभास सिन्हा और अविनाश अखौरी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा.
बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांके विधानसभा की आरक्षित सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुरेश बैठा और बीजेपी के प्रत्याशी समरी लाल चुनाव लड़े थे. मतगणना के बाद भाजपा के प्रत्याशी समरी लाल को निर्वाचित घोषित किया गया. जिसके बाद सुरेश बैठा ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर समरी लाल के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है. इसके पीछे उन्होंने आधार दिया है कि समरी लाल द्वारा चुनाव के दौरान दिया गया जाति प्रमाण पत्र गलत है. हालाँकि जाति प्रमाण पत्र के मामले में हाईकोर्ट से समरी लाल को राहत मिल चुकी है.