झारखंड सरकार ने केंद्र से राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के आवास प्लस के तहत निबंधित आठ लाख 37 हजार 222 परिवारों को आवास उपलब्ध कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात के दौरान यह मांग रखी. मुख्यमंत्री ने कहा कि निबंधित सभी लाभुक गरीब हैं और उन्हें आवास उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इस मामले में जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से 15वें वित्त आयोग के तहत झारखंड का बकाया राशि को निर्गत करने का आग्रह किया. साथ ही केंद्रीय बजट 2023-23 में मनरेगा के तहत राशि में की गई कटौती पर भी चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने इससे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत आवास प्लस में निबंधित परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को नवंबर, 2022 में पत्र लिखा था. पत्र के मध्यम से मुख्यमंत्री बताया था कि आवास प्लस अंतर्गत झारखंड के लिए सूचीबद्ध 10,35, 895 परिवारों में से वित्तीय वर्ष 2021-22 में मात्र 4,03,504 इकाई का भौतिक लक्ष्य दिया गया था. अभी भी 6,32,391 योग्य परिवारों को आवास का लाभ नहीं मिल सका है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भी आवास प्लस में निबंधित परिवारों में से 2,03,061 परिवारों को सूची से हटाया गया है. इनमें से अधिकतम परिवार ऐसे हैं जो आवास की पात्रता रखते हैं, लेकिन वर्ष 2019 से पूर्व स्थानीय कर्मियों द्वारा गलत इंट्री के कारण इन परिवारों को आवास से वंचित होना पड़ रहा है. आवास प्लस योजना के अंतर्गत राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6,32,391 का भौतिक लक्ष्य आवंटित किया जाए. वहीं, आवास प्लस से ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हटाये गये 2,03,061 परिवारों को जांच के बाद सत्यापन करने की सुविधा उपलब्ध करायी जाए. दूसरी ओर, झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने भी ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार को इस संबंध में जनवरी, 2023 में पत्र लिख प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण अंतर्गत आवास प्लस में निबंधित परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का आग्रह किया था.