प्रवर्तन निदेशालय ने झारखण्ड में रेत, शराब और जमीन की अवैध बिक्री से जुड़ी जांच में धनशोधन रोधी कानून के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया कि वर्ष 2021-22 के बीच 14 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध की आय मिली है। अभियोजन शिकायत 16 दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर की गई थी। ईडी ने एक बयान में कहा कि अदालत ने 23 दिसंबर को आरोप पत्र पर संज्ञान लिया।
आरोप है कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला झारखण्ड पुलिस द्वारा जोगेंद्र तिवारी और अन्य के खिलाफ रेत और शराब की अवैध बिक्री के अलावा जमीन की फर्जी बिक्री, खरीद समेत कई आपराधिक गतिविधियों से संबंधित 19 एफआईआर से जुड़ा है। ईडी ने कहा कि जोगेंद्र तिवारी रेत और शराब के व्यापार से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है, जो उसके करीबी सहयोगियों के नाम पर थे। इन सभी संस्थाओं को जोगेंद्र तिवारी द्वारा नियंत्रित किया जाता था। आरोप लगाया गया कि इन आपराधिक गतिविधियों से अब तक लगभग 14 करोड़ रुपये की अपराध आय हुई है।
प्रवर्तन निदेशालय ने अगस्त में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के 32 क्षेत्रों की तलाशी ली थी, जिसके बाद अक्तूबर में ईडी ने जोगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया था। आरोपी को फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं।