मुख्यमंत्री ने कोयला खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की समस्याओं, पर्यावरणीय प्रभाव तथा पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन से संबंधित मुद्दों पर की विस्तृत चर्चा।
मुख्यमंत्री ने कहा – खनन कार्य संपन्न हो जाने के उपरांत जमीन को रैयत को वापस कर देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा – खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के पुनर्वास, रोजगार, पर्यावरणीय संतुलन तथा आधारभूत संरचना के विकास की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य को मिलकर सुनिश्चित करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में कोयला खनन गतिविधियों, पर्यावरणीय संतुलन, स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा क्षेत्रीय विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई। मौके पर मुख्यमंत्री ने झारखंड के हितों, खनन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की भागीदारी, रोजगार सृजन, पर्यावरणीय संतुलन तथा राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व से संबंधित विषयों को प्रमुखता से रखा।
खनन कार्य संपन्न हो जाने के उपरांत जमीन को भारत सरकार वापस करे
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा की खनन कार्य संपन्न हो जाने के उपरांत जमीन को भारत सरकार राज्य सरकार को वापस करे, ताकि उस जमीन को मूल रैयतों को लौटाया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के पुनर्वास, रोजगार, पर्यावरणीय संतुलन तथा आधारभूत संरचना के विकास को प्राथमिकता दी जाए।मौके पर केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि राज्य और केंद्र मिलकर समाधान तलाशेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि झारखंड के विकास और लोगों की भलाई को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार हर संभव सहयोग करेगी।
इस बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, खान सचिव श्री अरवा राजकमल, खान निदेशक श्री राहुल सिन्हा, CMPDI के सीएमडी श्री मनोज कुमार, BCCL के सीएमडी श्री समीरन दत्ता, CCL के सीएमडी श्री नीलेंदु कुमार सिंह एवं BCCL के डीटी श्री एम. के अग्रवाल मौजूद
