मुख्यमंत्री ने कहा कि वजहें चाहे
जो भी हो, लेकिन पिछले 20 वर्षों में राज्य को जहां होना चाहिए, वहां नहीं है. आज भी झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता है. जबकि, यहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है. यहां के खनिज संसाधनों का यहां के लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है. रोजगार और मजदूरी के लिए लोगों का पलायन होता है. यह किसी भी लिहाज से उचित नहीं है. ऐसे में हमें काफी चिंता होती है कि कैसे राज्य को बेहतर और विकसित बना सके. अगर अधिकारी पूरी ईमानदारी, लगन और समर्पित भावना से काम करें तो राज्य को अग्रणी राज्य बनाने में निश्चित तौर पर कामयाब होंगे.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने यह बातें कही. उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सरकारी व्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं. आप सरकार के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं. राज्य को दिशा दिखाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसे में आपकी कार्यशैली से राज्य के सर्वांगीण विकास और उसे मजबूती देने का हौसला मिलता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों के भ्रमण के दौरान वहां की प्रशासनिक व्यवस्था को जानने-समझने का मौका मिलता है. इसी क्रम में मैंने देखा है कि कुछ राज्यों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को कैडर इतना अधिक मजबूत है कि अगर वहां आईएएस और आईपीएस अधिकारी न भी हों, तो राज्य को चलाने में कोई परेशानी नहीं आएगी. जब तक प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत नहीं होती तब तक कोई राज्य आगे नहीं बढ़ सकता है। किसी भी राज्य को आगे बढ़ाने में तथा गांव-गांव, शहर-शहर में लोगों को योजनाओं से जोड़ने में राज्य सेवा कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आप सभी अपना कार्य ईमानदारी से करें।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ग्रास रूट पर कार्य करते हैं .उन्हें व्यवस्था के हर स्तर पर कार्य करने का अनुभव होता है. ऐसे में वे राज्य की तमाम समस्याओं और हालात से से भली-भांति वाकिफ होते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रखंड से लेकर झारखंड मंत्रालय तक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की बड़ी टीम कार्य करती है. ऐसे में आप व्यवस्था की सबसे मजबूत और महत्वपूर्ण कड़ी हैं. उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की व्यवस्था तथा कार्यशैली थोड़ी अलग है, लेकिन अगर आप इन वरीय अधिकारियों के सहयोगी के रुप में खड़े नहीं हो, तो वे भी एक कदम आगे नहीं चल पाएंगे.मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में जरूरत के हिसाब से सुधार जरूरी है, ताकि उसका अपेक्षित लाभ हमें मिले. इसे देखते हुए ही सरकार ने आयोग गठन किया था. आयोग की रिपोर्ट भी मिल चुकी है. अब उस रिपोर्ट का अध्ययन कर प्रशासनिक व्यवस्था में जो भी सुधार की जरूरत होगी उस दिशा सरकार कदम बढ़ाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप इस राज्य के सिर्फ अधिकारी ही नहीं, एक शिक्षक भी हैं .आप जैसे अधिकारियों पर ही व्यवस्था का दारोमदार है. ऐसे में आप आम जनता के साथ पूरी आत्मीयता के साथ जुड़े और उनकी समस्याओं को सुनें.मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में एक ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत हैं, जहां अधिकारी बेखौफ और निर्भीकता के साथ काम कर सके. इससे अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ेगा और स्थानांतरण- पदस्थापन को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि जनता हक के साथ बीडीओ ऑफिस सहित अन्य कार्यालय जाये. पेंशन सहित अन्य कार्य के लिए आवेदन दे. अगर कोई अधिकारी काम नहीं करेंगे, तो उन्हें निश्चित रूप से दंडित किया जायेगा.