सिविल कोर्ट ने POTA के केस में दो आरोपियों को किया बरी

jharkhand News
Spread the love

रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त दिवाकर पांडे की अदालत ने POTA (प्रीवेन्शन ऑफ टेररिस्ट एक्ट) के मामले में दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इस केस की सुनवाई 22 वर्ष से चल रही थी. कोर्ट ने ट्रायल फेस कर रहे दारा चंद्रवंशी और रामाधार राम को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. दोनों गढ़वा जिला के निवासी हैं. ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दो आईओ, डॉक्टर, छापेमारी दल के शामिल पुलिस कर्मी और स्थानीय लोग समेत 24 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था. जिनमें से सात स्थानीय गवाह गवाही के दौरान मुकर गए. जिसका लाभ आरोपियों को मिला. घटना को लेकर साल 2002 में पोटा अधिनियम के तहत केस रंका थाना में दर्ज केस को टेकओवर किया गया था. दरअसल चिनिया ओपी के तत्कालीन प्रभारी संजय सिंह को 21 दिसंबर 2001 को वायरलेस पर सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश चिनिया पिकेट पर गोलाबारी कर रहे हैं. इसी बीच संदिग्ध उग्रवादियों की ओर से अंधाधुंध गोलाबारी होने लगा, जिसमें रामचंद्र साही की मौत हो गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *