मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार से कहा कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं की जरूरतों के हिसाब से बिजली खरीदें. प्राथमिकता यह होनी चाहिये कि आमलोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न होने पाये. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चाहे जितनी भी बिजली की जरूरत हो, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) खरीदे. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भीषण गर्मी के कारण बढ़ती बिजली की मांग को ध्यान में रखकर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम जनता को बिजली देना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है, इसलिए गर्मी में सरकार उन्हें परेशानी नहीं होने देना चाहती. उन्होंने ऊर्जा विभाग को इसके लिए अगले तीन महीने की प्लानिंग करने का भी निर्देश दिया है।जानकारी के अनुसार, गर्मी शुरू होते ही राज्य में लगभग 300 से 400 मेगावाट तक की बिजली की अतिरिक्त जरूरत पड़ रही है. बिजली की कमी के कारण कई क्षेत्रों में सामान्य आपूर्ति बाधित हो रही है. राजधानी रांची तक बिजली संकट शुरु हो गया है. हालांकि, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद बिजली खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जानकारी के अनुसार, जेबीवीएनएल ने शुक्रवार को पावर एक्सचेंजों से 140 मेगावाट बिजली की खरीद करे। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत अप्रैल में 2000 मेगावाट से 2600 मेगावाट तक पहुंच चुकी है. जबकि, जेबीवीएनएल के पास वर्तमान में 2200 से 2300 मेगावाट तक बिजली ही उपलब्ध हो पा रही है. करीब 400 से 500 मेगावाट और बिजली की जरूरत है.सीएम ने कहा है कि बिजली संकट को देखते हुए पतरातू पावर प्लांट के निर्माण का काम शीघ्र पूरा करें. जानकारी के अनुसार, पतरातू पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन प्रारंभ हो जाने और अडाणी पावर से बिजली की आपूर्ति प्रारंभ हो जाने के बाद झारखंड बिजली जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर हो जाएगा.