मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार कार्य कर रही है. बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया जा रहा है. बच्चे ड्रॉपआउट न हो, इसके लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ-साथ एकलव्य प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन शिक्षा योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर हमारी सरकार आयी है. बच्चों को पैसे को लेकर शिक्षा में दिक्कत न पहुंचे, इसलिए यह योजनाएं सरकार लेकर आयी है. कहा कि स्कूल से निकलने के बाद इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, जज बनने की इच्छा रखने वाले बच्चों का सरकार सभी खर्च उठाएगी. आप पढ़ाई नहीं छोड़े. सरकार आपको सभी व्यवस्थाएं दे रही है. राज्य के बच्चे-बच्चियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग के लिए भी सहायता राशि हमारी सरकार देगी. युवा पीढ़ी को शिक्षा की दिशा में नयी राह दिखाने जा रहे हैं. ब्रिटिश हाई कमीशन नई दिल्ली के फॉरेन एंड कॉमनवेल्थ डेवलपमेंट ऑफिस और झारखंड सरकार के बीच ऐतिहासिक एमओयू हुआ है. यूके गवर्नमेंट की प्रतिष्ठित शिवनिंग स्कॉलरशिप के साथ अब देश और झारखंड की प्रतिष्ठित मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप योजना के साथ एमओयू के अंतर्गत हर साल युवाओं को विदेश में पढ़ने का मौका मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े-बुजुर्गों ने एक कहावत कही है कि शिक्षा मां का वह दूध है जो बच्चा जितना पिएगा वह उतना दहाड़ेगा. झारखंड देश का पहला राज्य है जो शिक्षा के स्तर को अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर प्रयासरत है. मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत फर्स्ट फेज में सिर्फ ट्राइबल बच्चे ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए विदेश गए थे. यह छात्रवृत्ति योजना उम्मीद से ज्यादा सफल होती दिखाई दे रही है. यह बात सही है कि नीयत सही हो तो ऊपर वाला ही साथ देता है. बहुत कम समय में केंद्र सरकार एवं यूके की सहमति प्राप्त हुई है. अब मरांग गोमके जयपाल सिंह छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ रहा है. अब ट्राइबल के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के बच्चे, जो विदेश में शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं, उन्हें भी हमारी सरकार उच्च शिक्षा के लिए इस छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश में पढ़ाई करने भेजेगी.