झारखंड में लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर झामुमो और कांग्रेस में रार ठनी हुई है. झामुमो ने उन तीन सीटों पर दावा कर दिया है, जिसपर कई सालों से कांग्रेस चुनाव लड़ती आ रही है. सिंहभूम, जमशेदपुर और लोहरदगा के झामुमो नेताओं ने अधिक विधानसभा सीटों का हवाला देकर कई महीनों से संगठन और गठबंधन पर दबाव बनाकर रखा है. इन तीनों लोकसभा सीटों को लेकर झामुमो और कांग्रेस की जिला ईकाई के नेताओं में जंग छिड़ी हुई है. कांग्रेस भी अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. कांग्रेस का कहना है कि भले ही सिंहभूम, जमशेदपुर और लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा सीटों में उसका कब्जा कम है. लेकिन उसमें लोकसभा सीट निकालने का दम जरूर है. झामुमो और कांग्रेस की इसी तकरार के कारण सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है.
सिंहभूम लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट आते हैं. इनमें से सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि 5 सीटों पर झामुमो का कब्जा है. चाईबासा, मनोहरपुर, मझगांव, चक्रधरपुर और सरायकेला विधानसभा सीट 2019 में झामुमो ने जीता था. जबकि जगरनाथपुर सीट पर कांग्रेस विजयी रही थी. पांचों विधानसभा सीट के विधायक और वहां की जिला इकाई के झामुमो नेता और कार्यकर्ता सिंहभूम लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी का प्रत्याशी चाहते हैं. यह कांग्रेस की सीटिंग सीट है और यहां से वह अबतक 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है, इसलिए वह यहां समझौता नहीं करना चाहती.