बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा उन परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है जिनके घर तूफान और ओलावृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हो गये थे. जिससे सभी जरूरतमंद परिवार बिना किसी आर्थिक परेशानी के अपना घर बनवाकर फिर से सामान्य जीवन जी सकेंगे, लेकिन झारखंड में प्रखण्ड और पंचायत स्तर के आवास कर्मचारियों के कार्य में उदासीनता और लापरवाही बरतने के कारण बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना का काम तय समय पर पूरा नहीं हो पाया है.
कुल 47855 लाभुकों को लाभ देने का लक्ष्य
झारखंड राज्य में 2016-17 से 2022-23 तक सभी जिलों में कुल 47855 लाभुकों को लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. अब तक निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध केवल 75 % आवास ही पूर्ण करवाया जा सका है. 11873 आवास पूर्णता निर्माण के लिए लंबित हैं. लचर प्रदर्शन के कारण 826 आवासों की स्वीकृति भी लंबित है. इन्हे 31 मार्च 2023 तक पूरा कराना है.
11873 आवास का निर्माण होना बाकी
झारखंड में 11873 आवास का निर्माण होना बाकी है. जिनमें खूंटी में 204, पाकुड़ में 376, सिमडेगा में 237, दुमका में 572, चाईबासा में 405, जमशेदपुर में 516, जामताड़ा में 329, गोड्डा में 535, कोडरमा मे 254, सरायकेला में 364, साहिबगंज में 661, देवघर में 441, लोहरदगा में 218, रामगढ़ में 343, गुमला में 478, लातेहार 373, हजारीबाग में 639, धनबाद में 627, चतरा में 452, बोकारो में 639, रांची में 762, गढ़वा में 618, गिरिडीह में 1025 और पलामू में 835 आवास बनने को लंबित है.