पुलिस के दावे के विपरीत नक्सलियों ने झारखंड के जंगलों में मनाया स्थापना दिवस समारोह,वीडियो वायरल

jharkhand News न्यूज़
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एक तरफ जहां झारखंड पुलिस माओवादियों को खत्म करने की बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ भाकपा माओवादी संगठन के नक्सलियों ने झारखंड के जंगल में स्थापना दिवस समारोह मना कर पुलिस को खुली चुनौती दी हैं. नक्सलियों द्वारा स्थापना दिवस समारोह मनाने का एक वीडियो वायरल हुआ है. यह सितंबर 2023 का है, इस महीने 21-27 सितंबर 2023 तक नक्सलियों ने अपना स्थापना दिवस सप्ताह मनाया. हालांकि इस वायरल वीडियो का लगातार न्यूज कोई पुष्टि नहीं करता है.

वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि 100 से ज्यादा हथियारबंद नक्सली भी मौजूद थे. जिसमें एक बड़ी संख्या महिला नक्सलियों की भी थी. वीडियो में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि घने जंगल में गीत संगीत का कार्यक्रम चल रहा है. पुलिस के हाथों मारे गए नक्सलियों की तस्वीरें लगाई गयी हैं, उन्हें शहीद का दर्जा देकर अन्य साथियों के द्वारा क्रांति गीत गाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है.
हथियारबंद नक्सलियों के बीच बड़ी संख्या में ग्रामीण भी वीडियो में नजर आ रहे हैं. जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं.

ट्राई जंक्शन, पोड़ाहाट और कोल्हान क्षेत्र में ये बड़े नक्सली हैं सक्रिय

मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, असीम मंडल, चमन, संतोष, अजय महतो, अनमोल दा, बेला सरकार, रामप्रसाद मारड़ी, अमित मुंडा, गुलशन मुंडा, संतोष महतो, भवानी, मदन महतो, मेहनत, कांडे होगहांगा, जयंती, सालुका कायम, प्रभात मुंडा, रवि सिंह सरदार, नयनतारा, अमोज मोदक, सागेन अंगारिया, सुलेमान हांसदा, राहुल चंपिया, बबलू और गौरी शामिल हैं.

अति माओवाद प्रभाव वाले 25 में 8 जिले झारखंड के
झारखंड के आठ जिले माओवादियों की सक्रियता के लिहाज से अति माओवाद प्रभाव श्रेणी में हैं. वहीं राज्य के 16 जिलों में माओवादियों का प्रभाव है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, पूर्व में देशभर के 90 जिले माओवाद प्रभावित थे. लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 70 रह गयी है. केंद्र ने 70 में से 25 जिलों को अति माओवादी प्रभाव वाला माना है. देश के अति माओवाद प्रभाव वाले 25 में 8 जिले झारखंड के हैं. झारखंड में माओवाद प्रभाव वाले 16 जिलों में रांची, खूंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. वहीं आठ अति माओवाद प्रभावित जिलों में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं.

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