झारखंड सौर ऊर्जा की ओर कदम बढ़ा रहा है. मिनी सोलर प्लांट से अंधियारा दूर हो रहा है. सुदूर इलाके में उजियारा फैल रहा है. साहिबगंज के 25 वैसे गांव, जहां आजादी के बाद से बिजली नहीं पहुंची थी, वे गांव भी बिजली से रौशनी हो रहे है. इन गांवों में मिनी सोलर प्लांट के जरिए बिजली की आपूर्ति की जा रही है. सोलर प्लांट लगाने का काम 2021 में शुरू किया गाया था. अब तक 19 गांवों में प्लांट स्थापित कर दिया गया है. इस योजना के तहत 735.5 किलोवाट सोलर बिजली उत्पादन करने की योजना अंतिम चरण में है. इससे 2237 परिवारों के घर रोशन होंगे.
ऐसे संभव हुआ बिजली पहुंचाना
जिन सुदूर गांवों में बिजली नहीं पहुंची है, उन गांवों में जरेडा मिनी सोलर प्लांट के माध्यम से बिजली पहुंचाने का काम कर रहा है. वहीं ग्रामीणों को सोलर पावर में होने वाली खराबी को ठीक करने के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. प्लांट लगाने वाली कंपनी को पांच साल तक बिजली निर्बाध आपूर्ति करनी है. पूरी रात बैकअप के लिए बैटरी भी लगायी गयी है.
इन गांवों में लगे हैं मिनी सोलर प्लांट
गांव परिवार की संख्या प्लांट की क्षमता किलोवाट में
बूढ़ी टोला 49 17
भतभंगा पहाड़ 150 62
ढोगरा पहाड़ 101 40.5
मेतार (रूपा टोला) 69 29.5
पिपराजोरी 40 16.5
गुमापहाड़ 56 28
तिरिल टोला 33 13.5
बरहेट संथाली टोला 59 21
काल्डीगोरा 32 14.5
तालझारी चुआ माको 27 13.5
तालझारी कोचलो 46 23
तालझारी लेबा माको 24 12
बरहेट पकरी पहाड़ 45 20.5
बरहेट चुकली बेड़ो 52 24
बोरियो पोखरियापहाड़ 33 16.5
मंडरो कोमोदारी पहाड़ 30 24.5
पथना उर्सापहाड़ 125 30
दुलमी 240 73
महुआ थाना 133 35
हिरणपुर 145 35
पथना चैपल पहाड़ 92 23
करनघट्टी 96 23
बरमसिया 240 60
बास्को पहाड़ 160 40
तेघरा पहाड़ 160 40
ग्रामीण हेमंत सरकार के प्रति प्रकट करते हैं आभार
बरहेट प्रखंड के हिरणपुर पंचायत स्थित बरमसिया गांव में राज्य योजना मद से 60 किलोवाट का मिनी सोलर पावर प्लांट 2021 अक्टूबर में लगाया गया था. बरमसिया गांव जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर और प्रखंड मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर सुदूरवर्ती वन क्षेत्र में है. सरकार की पहल पर बिहड़ में रहने वाले आदिवासी परिवारों के घर रोशन हो रहे हैं. गांव में बिजली आने से ग्रामीणों में काफी उत्साह है. लोग हेमंत सरकार को धन्यवाद भी देते हैं. कहते हैं कि सरकार ने राशन, पेंशन तो दिया ही, अब 24 घंटे बिजली भी दे रही है. बच्चे रात में भी पढ़ाई कर रहे हैं. गांव डिबरी युग से निकल गया है. डिबरी युग से निकाल कर विकास की मुख्यधारा में गांव जुड़ रहा है. 240 परिवारों के घर के साथ- साथ एक आंगनबाड़ी केन्द्र और दो स्कूल भवनों को भी सोलर बिजली से जोड़ा गया है.
खिल उठे चेहरे
ग्रामीण बबलू सोरेन कहते हैं कि गांव में जब पहली बार लाइट आयी, तो 240 परिवारों के इस गांव में लोगों के चेहरे खिल उठे. बच्चे अब रात में भी पढ़ाई करते हैं. डोभा से मोटर लगा कर खेतों की सिंचाई भी कर रहे हैं.
भोडे मुर्मू कहते हैं कि गांव रोशन हुआ है. सरकार से गांव के लोग काफी खुश हैं.
सुनामनी सोरेन कहती हैं कि सोलर बिजली ने गांव के लोगों का जीवन बदल दिया है. बिजली आने के बाद गांव में एक दो लोग टीवी भी लगा लिए हैं, जिससे सरकार की योजना की जानकारी समाचार के माध्यम से गांव वाले को मिल जाती है.
बरमसिया में मिनी सोलर पावर प्लांट लगाने वाले वैष्णवी इंजीनियर के प्रबंधक संदीप पाटिल कहते हैं कि सरकार ने वैसी जगह को चिन्हित कर मिनी सोलर पावर प्लांट लगाया है, जहां ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाने में काफी परेशानी होती थी. इन दुर्गम इलाकों में लगे सोलर पावर प्लांट ग्रामीणों के घरों को रोशन कर रहा है. प्लांट लगाने वाली कंपनी को 5 साल तक मेंटेनेंस का भी काम देखना है.