पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर 3 लाख का इनामी गैंगस्टर दीपक बॉक्सर विदेश भाग गया है. दीपक फ़र्जी पासपोर्ट बनवाकर देश से भागा है. और कहा जा रहा है कि इसमें उसकी मदद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने की है.
आज तक से जुड़े अरविंद ओझा की खबर के मुताबिक, दीपक ने यूपी के मुरादाबाद के एक पते पर फर्जी पासपोर्ट बनवाया था. इसमें उसका नाम रवि अंतील है. और पासपोर्ट जारी होने की तारीख है 19 दिसंबर, 2022. बताया जा रहा है कि दीपक बॉक्सर जनवरी 2023 में देश से भाग गया है. वो पहले कोलकाता पहुंचा और फिर कोलकाता से फ्लाइट लेकर विदेश चला गया. और इसमें उसकी मदद की तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने. आज तक के सूत्रों के मुताबिक, दीपक मेक्सिको में है और वहां से भारत में जबरन वसूली कर रहा है.
दीपक, गोगी गैंग चलाता था
दीपक बॉक्सर सोनीपत के गन्नौर का रहने वाला है. वो जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट रहा है. साल 2016 में उसने बहादुरगढ़ में दिल्ली पुलिस की कस्टडी से गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को छुड़ाया था. इसके बाद साल 2021 में 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में पेशी पर ले जाते वक़्त जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वकील के लिबास में आए दोनों शूटर भी मारे गए. जितेंद्र गोगी की मौत के बाद से उसका गैंग दीपक बॉक्सर ही चलाने लगा था. दीपक हरियाणा और दिल्ली पुलिस की लिस्ट में मोस्ट वांटेड था. उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी के लिए दिनदहाड़े गोली चलाने और पुलिस की गिरफ्त से आरोपी को छुड़ाने जैसे मामलों में गंभीर मुक़दमे दर्ज हैं. साल 2018 में गोगी गैंग पर मकोका लगाया गया था. उसके बाद से दीपक फरार चल रहा था.
लॉरेंस ने मदद की
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई भले तिहाड़ जेल में बंद है. लेकिन वो गोल्डी बराड़ और अपने ममेरे भाई सचिन बिश्नोई के साथ मिलकर गैंग चलाता है. ये दोनों कनाडा से क्राइम सिंडीकेट ऑपरेट करते हैं. इनके अलावा ऑस्ट्रिया में अनमोल और कनाडा में रहकर विक्रम बराड़ तमाम लेनदेन के मामले संभालता है. पुलिस के मुताबिक लॉरेंस के इस क्राइम नेटवर्क में करीब एक हजार लोग शामिल हैं. इनमें कोई शार्प शूटर है तो कोई सप्लायर. कोई गेन के लिए रेकी करता है.तो कोई सोशंल मीडिया से जुड़े काम देखता है. दीपक बॉक्सर को इसी सिंडिकेट से भागने में मदद मिली है.