सुरक्षा का भरोसा जगा तो बूढ़ा पहाड़ लौटने लगे विस्थापित परिवार

झारखण्ड
Spread the love


बात वर्ष 2017 की है। क्षेत्र में नक्सलियों की तूती बोलती थी। काम करने के लिए नक्सलियों ने बूढ़ा पहाड़ और आसपास के गांवों से एक दर्जन से अधिक युवकों को उठा लिया था। मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ गई थी। उसके बाद नक्सलियों के खिलाफ शुरू किए गए अभियान के तहत बूढ़ा पहाड़ और अन्य प्रभावि गांवों से 48 परिवारों को विस्थापित किया गया था। उनमें
बूढ़ा पहाड़ के बृजिया और झाडुबेड़ा टोला के 39 परिवारों के अलावा छत्तीसगढ़ क्षेत्र से नौ परिवार शामिल थे। सभी विस्थापितों को मदगड़ी च में रखा गया। परिवारों को विस्थापित करने के बाद उक्त इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ सघन अभियान चलाया गया। करीब छह साल के बाद विस्थापित किए गए परिवारों में सुरक्षा का भरोसा ज तो अब धीरे-धीरे अपने पुरखों की जमीन की ओर लौटने हैं।
हरी पंचायत की मुखिया बिंको टोप्पो ने बताया कि पंचायत मेरा गांव का ही टोला है। पुलिस की ओर से सुरक्षा ध्यान में रखते हुए बूढ़ा पहाड़ से लोगों को खाली करवाने के बाद भी सुरेश यादव और उनका परिवार वहीं रह गया था। वहीं छह परिवारों को वहां से विस्थापित कर मदगड़ी च लाया गया। यहां उनके रहने के लिए घर सहित आजीविका के साधन उपलब्ध कराए गए। छह साल बाद जब वहां नक्सलियों का खात्मा हो गया तो उन्हें भी सुरक्षा का भरोसा हुआ। छह परिवार फिर से लौट गए। उनमें बिखा बृजिया, सरयू बृजिया, अर्जुन बृजिया, ललकू बृजिया, बलदेव बजिया और सीताराम बृजिया शामिल हैं। बाकी परिवार भी ऐप पर पढ़ें च से बेझिझक अपने-अपने पैतृक गांव आना-जाना करते हैं। मुखिया बिंको बताती हैं कि बूढ़ा पहाड़ के सभी सात परिवारों को आजीविका के लिए बकरी पालन योजना से जोड़ा गया है। अन्य योजनाओं का लाभ भी उनके घरों तक पहुंचाकर दिया जा रहा है। उसके बाद भी अभी बहुत काम करना बाकी है। बूढ़ा पहाड़ तक पहुंचने की आवागमन के लिए सड़कें नहीं है।बूढ़ा पहाड़ तक उबड़-खाबड़ पथरीले रास्ते से ही जा सकते हैं। बूढ़ा पहाड़ दो रास्ते से होकर पहुंच सकते हैं। पंचायत के तुमेरा गांव के पास से और दूसरा छत्तीसगढ़ के पुनदाग से वहां पहाड़ पर चढ़कर जाया जा सकता है। फिलहाल तुमेरा से बूढ़ा पहाड़ जाने के लिए फिलहाल सुरक्षा कारणों से अनुमति नहीं है। गांव के लोग वहां जाते हैं। वहां तक पुनदाग से होकर जाने वाला ही सुरक्षित माना जाता है। उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन से उनके दौरे के दौरान भी सड़क सुविधा बहाल करने का अनुरोध की थी । उसपर उन्होंने तत्काल डीएफओ से बात कर सड़क सुविधा बहाल करने के लिए पहल करने का निर्देश दिया था।
उधर बीडीओ विपिन कुमार भारती ने बताया कि डीसी रमेश घोलप के नेतृत्व में बूढ़ा पहाड़ और पंचायत के गांवों में योजनाओं पर लगातार काम किया जा रहा है। उससे लोगों का भरोसा जगा है। यहीं कारण है कि अपने पुरखों के घर विस्थापित परिवार लौटने लगे हैं।
बूढ़ा पहाड़ से विस्थापित छह परिवार लौट चुके हैं। बाकी विस्थापित परिवार भी अपने-अपने गांव बेझिझक आना जाना कर रहे हैं। वहां से विस्थापित करने के बाद उनके रहने के लिए में भी घर बनाए गए हैं। ऐसे में उक्त परिवार कभी कभी अपने-अपने पैतृक गांव जाकर रहते हैं । बूढ़ा पहाड़ को नक्सल मुक्त करने के बाद स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर भरोसा जगा है। उक्त कारण लोग निःसंकोच आ-जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *