रांची: वर्ल्ड ब्रेन डे हर साल 22 जुलाई को मनाया जाता है। इस वर्ष ब्रेन डे का विषय “सभी उम्र के लिए मस्तिष्क स्वास्थ्य ” है। पारस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीव शर्मा ने कहा कि हेल्दी ब्रेन का विकास बचपन से ही शुरू होता है। बचपन से ही हमें ब्रेन को बचाने पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे की जन्म प्रक्रिया सही अस्पताल में होनी चाहिए, क्योंकि डिलीवरी में गड़बड़ी से बच्चे में मानसिक विकृति या माइलस्टोन ग्रोथ की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मस्तिष्क की विकास प्रक्रिया में मोटर फंक्शन, इंटेलेक्चुअल फंक्शन और लर्निंग का विशेष महत्व होता है। अगर इसमें कुछ दिक्क्तें आती है, तो बच्चे में कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर भी साथ में होता है जिसको ऑटिज्म या एडीएचडी कहते हैं। एडीएचडी वाले मरीज के लिए ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना ऐसा लग सकता है जैसे कोई व्यक्ति किसी और की बात पर ध्यान नहीं दे रहा हो। ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्ति में भी यही व्यवहार दिखाई दे सकता है क्योंकि यह आगे-पीछे बातचीत करने और अन्य सामाजिक कौशल में कठिनाई होती है। एकाग्रता नहीं रहती है। बोल नहीं पाता है। अभिभावक को पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर बच्चा मंदबुद्धि या मानसिक संतुलन गड़बड़ है, तो इसका इलाज किया जाता है।
डॉ संजीव शर्मा ने कहा कि व्यस्क के मामले में ब्रेन से संबंधित कॉमन समस्या माइग्रेन, ब्रेन स्ट्रोक आदि है। ब्रेन स्ट्रोक न हो, इसपर ध्यान देने की आवश्यकता है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह (शुगर) को नियंत्रित रखना अत्यंत आवश्यक है। नियमित योग, ध्यान और व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और सर्कैडियन रिदम का पालन कर मस्तिष्क को स्वस्थ रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हेल्दी ब्रेन के लिए आठ घंटे नींद ले। “सर्कैडियन रिदम” को मेनेटेंन रखना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति देर रात सोता है और देर सुबह उठता है, तो भले ही नींद पूरी हो, लेकिन “सर्कैडियन रिदम” टूटने से सिरदर्द और पाचन समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए रात में 10 से 11 बजे तक सो जाये। सुबह उठकर योगा करें। अगर किसी को ब्रेन स्ट्रोक होता है, तुंरत हॉस्पिटल जाकर उपचार कराएं।
पारस हॉस्पिटल के फैसिलिटी निदेशक डॉ नीतेश कुमार ने कहा कि पारस हॉस्पिटल एचइसी में ब्रेन से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के द्वारा मरीजों का इलाज हो रहा है। यदि लोग अपनी दिनचर्या और जीवनशैली को संतुलित रखें, तो मस्तिष्क रोगों से बचा जा सकता है। ब्रेन स्ट्रोक, मिर्गी, माइग्रेन, पार्किंसन और डिमेंशिया जैसी बीमारियां आजकल तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन सही निदान और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह से इनका प्रभावी इलाज संभव है
पारस हॉस्पिटल एचईसी के मार्केटिंग हेड मानस लाभ ने कहा कि ब्रेन से संबंधित गंभीर बीमारियों का सफल इलाज रांची स्थित पारस हॉस्पिटल में उपलब्ध है। यहां न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी विभाग के अनुभवी विशेषज्ञ आधुनिक तकनीक और उपकरणों की मदद से मरीजों को बेहतर इलाज प्रदान कर रहे हैं।
