बिरसा मुंडा जेल प्रमुख पर मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास पर्याप्त सबूत हैं. एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में ईडी के रांची जोन ने शनिवार को बिरसा मुंडा जेल अधीक्षक हामिद अख्तर के हाई प्रोफाइल आरोपियों के साथ संदिग्ध संबंध को लेकर मुख्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है. गौरतलब है कि हामिद अख्तर शुक्रवार को ईडी के सामने पेश हुए थे. सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए कि रिपोर्ट में कई आपत्तिजनक साक्ष्य शामिल हैं, जो सुझाव देते हैं कि हामिद अख्तर ने एक आपराधिक साजिश के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट कर दिया. इसके अलावा उन्होंने जानबूझकर तथ्यों को दबाने और मनी लॉन्ड्रिंग में आरोपी व्यक्तियों की मदद की है.
हासिल किए गए सबूत उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त हैं
सूत्रों ने कहा कि हामिद अख्तर के खिलाफ पिछले कुछ समय से हासिल किए गए सबूत उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि हामिद अख्तर पर कब और कैसे मामला दर्ज किया जाए, इसके लिए आधिकारिक मंजूरी ली गई है या इंतजार किया जा रहा है.
इससे हामिद अख्तर गहरी मुसीबत में फंस जाएंगे जो लंबे समय से जेल की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने के ईडी के बार-बार अनुरोध को नजरअंदाज कर रहे हैं. एजेंसी की ओर से उन्हें कई बार समन भेजा गया था. वह या तो समन से बचता रहा या मामले को अदालत में घसीटता रहा. यहां तक कि अगर वह एजेंसी के सामने पेश भी हुए तो उन्होंने सहयोग नहीं किया और जानकारी छिपायी.
कई हाई प्रोफाइल लोग है बिरसा मुंडा जेल में बंद
ईडी रांची जोन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और अन्य से जुड़े 1000 करोड़ रुपये के बड़े पत्थर खनन घोटाले की जांच कर रहा है. ईडी मनरेगा घोटाले की भी जांच कर रही है. जिसमें उसने आईएएस पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया और आरोप पत्र दायर किया. ईडी द्वारा सेना भूमि घोटाले की भी जांच की जा रही है, जिसमें आईएएस छवि रंजन, कोलकाता स्थित व्यवसायी अमित अग्रवाल और अन्य को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा और भी कई हाई-प्रोफाइल मामले हैं. जिसने सभी आरोपी बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.