केंद्र का हर वार बेअसर
हेमन्त सरकार जनहित के काम कर रही कमर कस कर

झारखण्ड
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झारखंड में राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी शिकायतों का समाधान को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया. लाभ का पद मामले में विधायक के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के खतरे का सामना कर रहे सीएम ने कहा
‘जनता की सरकार है, जनता के लिए काम कर रही है’
सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि, “आज आवास में अपनी मांगों और समास्याओं को लेकर आये विभिन्न वर्ग समूहों के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई. पूर्व की सरकारों द्वारा फैलाये गए मकड़जाल को हम एक-एक कर ठीक कर सभी वर्गों को उनका हक अधिकार देने का काम कर रहे हैं.यह जनता की सरकार है, जनता के लिए काम कर रही है.”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र पर कहा है कि केंद्र की सरकार देश के आधे से ज्यादा राज्यों की सरकारों को गिराने की साजिशों में लगी है. ऐसे में पता नहीं इस देश का भविष्य क्या होगा? आज जब देश वैश्विक महामारी से उबरने की कोशिश कर ही रहा है, तब उनका फोकस आम जनता, मजदूर, किसान, नौजवान पर ना होकर सरकार बिगाड़ो – बनाओ और बेचो – खरीदो जैसे काम पर है. इन पारियों का खरीद-फरोख्त के सिवा दूसरा काम ही नहीं है. पर हम इन व्यापारिया को जवाब देंगे, देश की जनता उन्हें जवाब देगी, उनकी हर करतूत पर देश की नजर है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार केंद्र पर असहयोग का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने जीएसटी कंपनसेशन से लेकर भारी भरकम खनन रायल्टी के बकाये की दावेदारी करते हुए केंद्र को निशाने पर लिया है। उनका आरोप यह भी है कि केंद्र सरकार कोरोना संकट काल में बैकडोर से सिर्फ भाजपा शासित राज्यों की सरकारों का सहयोग कर रही है। हेमंत सोरेन के हमलावर रुख से आने वाले दिनों में केंद्र व राज्य के बीच तकरार बढने की उम्मीद है।
तनातनी की ऐसी स्थिति में झारखंड में चल रही केंद्रीय
योजनाएं खासकर राष्ट्रीय उच्च पथ और रेल योजनाएं
बाधित हो सकता ।है उच्च पथ
की 12 योजनाएं चल रही है। इसके अलावा केंद्रीय योजना रुक सकती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया था कि विभिन्न मदों में राज्य सरकार का केंद्र सरकार पर 70 से 80 हजार करोड़ रुपये तक का बकाया है। उनका यह भी कहना था कि कोरोना संकट काल में इन मुद्दों को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते लेकिन आने वाले दिनों में तमाम बातें राजनीतिक मंचों से उठेगी। हेमंत सोरेन के रूख से ऐसा प्रतीत होता है कि वे राज्य हित के मसले पर केंद्र से दो-दो हाथ करने का मंसूबा बनाए बैठे हैं। आने वाले दिनों में यह और तेज होने की संभावना है।

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