अपने 3 साल के कामों में कई ऐसे काम किए हैं जिससे झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता उनके कामों से खुश है।
सीएम ने कहा कि लाकडाउन के दौरान सरकार जनहित योजनाओं के संचालन के लिए कार्यप्रणाली तैयार कर रही थी। आज राज्य के हर तबके के लोगों के लिए सरकार के पास योजना है। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार सृजन के लिए 50 हजार रुपये से 25 लाख रुपये तक का ऋण बहुत ही कम ब्याज पर उपलब्ध करा रही है। कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों की नियुक्ति नियमावली बनकर तैयार है, जल्द ही बड़े पैमाने पर राज्य में वेकेंसी निकाली जाएगी। सीएम ने कहा कि राज्य के गांवों में 60 साल से अधिक के बुजुर्गों को पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा। हर एक विधवा,बुजुर्ग, दिव्यांग असहाय को सरकार पेंशन देगी। दूसरी ओर,गंभीर बीमारी के उपचार के लिए सरकार हर व्यक्ति
जिसकी आय आठ लाख से कम है उसके इलाज में सहायता करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों कोयला मंत्री से बातचीत के दौरान राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि राज्य में काम करनेवाली कंपनियों को 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय युवाओं को देनी होगी। इसके अलावा एक करोड़ रुपये तक का ठेका भी केंद्रीय कोयला मंत्री ने उनकी बातों को स्वीकार भी किया। कोरोना संक्रमण काल में राज्य के गरीबों ने बहुत दुख सहा है। केंद्र सरकार से सीमित संसाधन प्राप्त होने के बावजूद राज्य सरकार ने अपने प्रयास से किसी को भी भूखा नहीं रहने दिया अब जनजीवन फिर से पटरी पर आ रहा है। जनहित की योजनाएं धरातल पर उतरने लगी हैं। सरकार हर क्षेत्र में विकास के कार्य कर रही है। रांची से बोकारो फोरलेन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और यह जल्द पूरी होगी।
सीएम ने कहा कि बहुत जल्द राज्य में विस्थापित आयोग का गठन होगा और विस्थापित लोगों की समस्या का समाधान सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि मंच से इसके लिए मांग उठी है और दशकों की पीड़ा को दूर करने के लिए सरकार काम कर रही हैं।
इस बीच हेमंत सोरेन ने तीन ऐसे मुद्दों पर काम किया है, जिनकी मांग अर्से से होती रही है। अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण को मौजूदा 14 से बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने, जातीय जनगणना और 1932 के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की उनकी तैयारी से साफ लगता है कि वे इलेक्शन मोड में आ गये है
मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि झारखंड में दूसरे राज्य के लोग राज करते आ रहे थे. 20 साल में गांवदेहात के साथ सरकारी कर्मचारियों का भी शोषण किया गया. पहली बार मूलवासी व आदिवासी की सरकार बनी है. संघर्ष, बलिदान के बाद अलग राज्य मिला है. झारखंड अलग बनने के बाद आदिवासी बाबूलाल मरांडी को सीएम बनाया गया. दो से तीन साल में ही उन्हें हटा दिया गया. अर्जुन मुंडा भी सीएम बने, लेकिन उन्हें भी हटा दिया गया. भाजपा के जिस सीएम ने पांच साल पूरा किया वह छत्तीसगढ़ से आये थे. पहली बार आदिवासी- मूलवासी की सरकार बनी है जो पांच साल पूरा करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने अपना पाप हम पर मढ़ दिया है. सोरने परिवार है, तो उनकी राजनीतिक रोटी नहीं पक सकती है. सीएम ने कहा कि झारखंड में कोई कान बनता है तो उसे असंवैधानिक कहा जाता है. अपने हक के लिए मूलवासी आदिवासी आंदोलन करते हैं, तो उसे असंवैधानिक कहा जाता है. सरना धर्म का कोड लाया गया, उसे भी असंवैधानिक बताया गया. 1932 का खतियान लाया गया, उसे भी असंवैधानिक कहा गया. झारखंड में कान बनता है और यूपी व बिहार के पेट में दर्द होता है. हेमंत सोरेन ने सूखा राहत योजना को ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई बार सूखा पड़ा. लेकिन, जिस तरह से उनकी सरकार ने किसानों को समय रहते राहत दी है, आज तक किसी सरकार ने ऐसा नहीं किया. सीएम ने कहा कि सूखा राहत योजना के तहत 6 लाख 64 हजार किसानों के बैंक अकाउंट में 232 करोड़ रुपये आज ट्रांसफर किये गये.
सोरेन ने कहा कि किशोरी समृद्धि योजना का लाभ 552 बच्चियों को मिला है. 21.5 लाख से अधिक बच्चों को स्कॉलरशिप दी गयी. इस मद में सरकार ने 438 करोड़ रुपये दिये हैं. इस तरह कुल मिलाकर सरकार ने एक दिन में 951 करोड़ रुपये का वितरण किया है. उन्होंने इसे सरकार के लिए बहुत उत्साह का विषय बताया. कहा कि किसानों और बच्चों के लिए भी खुशी का दिन है. हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी ने कई उतार-चढ़ाव देखे. कई आपदाएं देखीं. 20 वर्षों इतनी चुनौती किसी सरकार के सामने नहीं आयी. महागठबंधन की सरकार ठीक से बनी भी नहीं थी कि कोरोना ने झकझोर दिया. ऐसी स्थितियां बनीं कि लोग घरों में कैद होकर रह गये. 2 साल तमाम गतिविधियां ठप हो गयीं. अर्थव्यवस्था चौपट हो गया. लोगों के रोजगार चले गये. दुनिया थम सी गयी. समझ नहीं आ
सोरेन ने कहा कि किशोरी समृद्धि योजना का लाभ 552 बच्चियों को मिला है. 21.5 लाख से अधिक बच्चों को स्कॉलरशिप दी गयी. इस मद में सरकार ने 438 करोड़ रुपये दिये हैं. इस तरह कुल मिलाकर सरकार ने एक दिन में 951 करोड़ रुपये का वितरण किया है. उन्होंने इसे सरकार के लिए बहुत उत्साह का विषय बताया. कहा कि किसानों और बच्चों के लिए भी खुशी का दिन है. विभिन्न जिलों में पदाधिकारियों, मंत्रियों ने खुशियां बांटी है. बहुत-सी योजनाएं शुरू की गयी हैं.
हेमंत सोरेन ने कहा कि रोजगार सृजन में, नौकरी के क्षेत्र में हमने बेहतरीन काम किये हैं. भविष्य में कई चुनौतियां आयेंगी, लेकिन हम उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हैं. हमने लक्ष्य तय कर रखा है. उसके अनुरूप काम कर रहे हैं. आज सरकारी कर्मचारी, किसान, मजदूर, नौजवान, शिक्षित सब खुश हैं. पहली बार खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई. जेपीएससी जैसे मकड़जाल में 20 सालों तक न जाने कितने बच्चों का भविष्य खराब हुआ, उन संस्थानों से महज 250 दिनों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करके बच्चों को बीडीओ, सीओ, कलेक्टर बनाकर तैनात किया. अब हमारे प्रदेश में बीपीएल परिवार के बच्चे बीडीओ, सीओ, कलेक्टर बनते हैं.हेमंत सोरेन ने कहा कि न जानें इस राज्य को पिछड़ा क्यों कहा जाता है. खनिज संपदा से परिपूर्ण इस राज्य का पिछली सरकारों ने समुचित विकास नहीं किया. खेल जगत में हमारी प्रतिभा का लोहा दुनिया मानती है. शिक्षा के क्षेत्र में हम सदैव से अव्वल रहे हैं. उन्होंने नेतरहाट का उदाहरण दिया. कहा कि देश में सबसे ज्यादा आईएएस-आईपीएस नेतरहाट ने तैयार किये.
