मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार झारखंड का वर्ष 2023-24 का बजट लोक कल्याणकारी होगा, जिसमें एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक सहित सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ होगा। राज्य के आदिवासी, दलित, शोषित, जरूरतमंद समुदाय सहित सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर एक बेहतर और समावेशी बजट बनाया गया है, इसी सोच के साथ “हमीन कर बजट ” अंतर्गत बजट पर राज्य की आम जनता एवं विशेषज्ञों से सुझाव लिए गए हैं। इस तरह हम कर सकते हैं कि रामेश्वर उरांव द्वारा पेश किया बजट झारखंड के जनता के लिए फायदेमंद साबित
होगा।
झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव वित्त वर्ष 2023-24 के लिए झारखंड का बजट पेश करेंगे। हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट होगा। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने 1,16,418 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। महिला एवं समाज कल्याण, किसान, बेरोजगार, पेयजल तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए कई बड़े ऐलान किए गए। वित्तमंत्री ने इसे ग्रामीण विकास को समर्पित और सभी वर्गों का खयाल रखने वाला बजट बताया। बजट में नयी पर्यटन नीति तथा आंगनबाड़ी
सेविकाओं को स्मार्टफोन देने का ऐलान किया। पंचायत सचिवालय सुदृढिकरण योजना के तहत सभी पंचायतों में 64 इंच की एलईडी टीवी लगाने की घोषणा की गई। बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये वहीं बेरोजगार युवतियों और दिव्यांगों को प्रतिमाह 1500 रुपये देने का ऐलान किया। मनरेगा के तहत आगामी वित्तीय वर्ष में 9 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य तय किया गया। चयनित स्कूलों में उड़िया और बांग्ला भाषा में प्रारंभिक शिक्षा देने की घोषणा भी की गई। किशोरी कल्याण योजना के तहत महिलाओं एवं किशोरियों को मुफ्त सैनिटरी पैड देने का ऐलान किया गया। गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व पौष्टिक आहार और प्रसव के बाद मातृत्व किट दिया जाएगा।
झारखंड में मनरेगा के तहत आगामी वित्तीय वर्ष में 9 करोड़ कार्यदिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया। मनरेगा मद में 1260 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। झारखंड सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में आपात स्थिति में सस्ते दर पर एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी। दुमका और बोकारो हवाई अड्डा से आगामी वित्तीय वर्ष में हवाई सेवा की शुरुआत होगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में बरही, बुंडू, पतरातू, चाईबासा, जमशेदपुर और खूंटी में नए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थापना की जाएगी।
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोशाक और फर्नीचर के लिए 190 करोड़ रुपये का प्रावधान। 800 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण। इसके लिए 2300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को प्रतिमाह 6 हजार रुपये दिए जाएंगे। आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के लिए 500 रुपये प्रतिवर्ष प्रीमियम भुगतान पर सामूहिक बीमा योजना। आंगनबाड़ी के लिए 1,171 करोड़ रुपये का प्रावधान।
मुख्यमंत्री सृजन योजना के तहत बेरोजगार युवक- युवतियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद नौकरी नहीं मिलने पर अगले 6 माह तक बेरोजगार युवकों को 1 हजार रुपये और महिलाओं तथा दिव्यांगों को 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
झारखंड में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पलामू, चाईबासा और दुमका में मनो-चिकित्सा केंद्रों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट में 12,446 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विधवा पुनर्विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि, किशोरी और महिलाओं को निशुल्क सैनेटरी पैड का वितरण । सर्वजन पेंशन योजना में 2,131 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। सभी पंचायतों में पंचायत ज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी। जिला मुख्यालय से संपर्क स्थापित करने तथा राज्य प्रायोजित योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रत्येक पंचायत में 65 इंच की एलईडी टीवी स्थापित की ।प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना (ग्रामीण) के लिए 3,542 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में 300 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया है।
किसान ऋण माफी योजना के तहत 4.5 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में 1,427 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए। प्रत्येक किसान परिवार को 3,500 रुपये का भुगतान किया गया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट को ऐतिहासिक, बेहतर और संतुलित बताया है. बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की आम जरूरतों के अलावा, सवा तीन करोड़ जनता के अलावा यहां के कई संसाधनों पर भी सरकार का बजट जाता है. आपने देखा कि सामाजिक सुरक्षा को लेकर हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये. लेकिन, इससे काम नहीं बनेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी बहुत कुछ करना बाकी है. 20 सालों में सिर्फ बजट एक कागजी कार्रवाई के रूप में देखने को मिला. लेकिन, इस बजट का लाभ वर्तमान में आमलोगों को तो मिलेगी ही, आने वाली कई पीढ़ी को भी इसका लाभ मिलेगा. सरकार ने झारखंड के आम लोगों के साथ-साथ यहां के संसाधनों का भी बजट में ध्यान रखा है. सीएम ने कहा कि पहले हम लोगों ने ‘हमारा बजट’ नाम दिया, मगर इस बार ‘हमिन कर बजट’ नाम दिया है. राज्य के हितों और समस्याओं का समाधान कैसे हो, इसे ध्यान में रखकर यह बजट तैयार किया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में बजट में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. राज्य को आगे ले जाने के लिए और अधिक संसाधनों की जरूरत होगी आने वाले समय में. आने वाले समय में इसका दूरगामी परिणाम दिखेगा. आगामी बजट में परिवर्तन दिखेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि ये लोग सरप्लस बजट को खा गये. अब हम लोगों का प्रयास होगा कि आने वाले समय में, राज्य के बेहतर संसाधन प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन करते हुए राज्य में संसाधनों को एकत्रित करें. अधिक से अधिक कर संग्रहण और एसेट क्रियेट कर पायें, ताकि इसका लाभ पीढ़ी दर पीढ़ी को मिले. इसलिए हम लोगों ने इस तरीके से बजट को बनाने का प्रयास किया है, ताकि आम जनों को उसका लाभ मिले ही, आने वाली पीढ़ी को भी लाभ मिले. बड़ी दूरदर्शिता के साथ बनाया गया बजट है. उन्होंने कहा कि विपक्ष तो अच्छे कामों को भी पचा नहीं सकता है. आलोचना होनी चाहिए, मगर पॉजिटिव.
सीएम ने कहा कि वर्ष 2019 में हमारी सरकार बनने के बाद कई चुनौतियां आयीं. वर्तमान में सुखाड़ की समस्या है. ऐसे हालात से कैसे बेहतर तरीके से निपटा जाए, इसका प्रयास किया गया है. आज का बजट इस राज्य के लिए ऐतिहासिक बजट है. एक ऐसा कदम है, जिसका बहुत बड़ा असर राज्य में दिखेगा. मुख्यमंत्री ने नियोजन नीति पर कहा कि हमने राज्य के नौजवानों से पूछा कि किस रास्ते पर चलें. वर्तमान परिस्थित को दुरुस्त करने में थोड़ा समय लगेगा. लेकिन, विकास की गति न धीमी होगी, न रुकेगी. इसी कड़ी में सारी चीजों को बेहतर करते हुए सरकार आगे बढ़ेगी.