पहले रघुवर दास की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’, फिर दीपक प्रकाश की ‘विश्वास रैली’ हुई फैल और अब बाबूलाल की ‘संकल्प यात्रा’ की बारी!

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रांची। हेमंत सरकार के खिलाफ झारखंड भाजपा एक बार फिर से यात्रा पर निकल रही हैं। भाजपा का कहना है कि रैली से वह राज्य की जनता के सामने सरकार की कमियों को लाएगी। दावा है कि यात्रा से जनता का समर्थन भाजपा को मिलेगा। खैर, यह दावा भाजपा द्वारा पहले भी कई यात्राओं से किया गया है, लेकिन परिणाम किसी से भी छिपा नहीं है। बात चाहे हम पूर्व सीएम रघुवर दास की जन आशीर्वाद यात्रा की करें, या फिर दीपक प्रकाश की विश्वास रैली। दोनों पूरी तरह से फेल ही हुई है। 2019 के विधान सभा चुनाव से पहले की गई ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के लाने के बाद भी राज्य की जनता ने भाजपा को सत्ता से बाहर किया है। अब बाबूलाल मरांडी संकल्प यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस यात्रा का फेल होना पूरी तरह माना जा रहा है।

“विश्वास रैली” से विश्वास नहीं बना पाई भाजपा, “जन आशीर्वाद” ने तो सत्ता से बाहर किया।

बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा से पहले पिछले साल तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में राजधानी में बिरसा मुंडा विश्वास रैली आयोजित की गई थी। इस रैली से जनजाति समाज पर भाजपा ने पूरा फोकस किया, लेकिन उसका रिजल्ट कुछ नहीं दिखा। 2019 विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में जन आशीर्वाद यात्रा लेकर आई थी। यात्रा के बाद ही भाजपा सत्ता से बाहर हो गई।

झामुमो-कांग्रेस के साथ मिलकर 2019 लोकसभा और विधान सभा चुनाव लड़ने वाले बाबू लाल मरांडी को बताना होगा कि किस आधार पर हेमंत सरकार का विरोध कर रहे।

हेमंत सरकार के खिलाफ बाबूलाल मरांडी संकल्प यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। यह यात्रा वे संथाल परगना के बरहेट विधानसभा से करेंगे। बाबूलाल मरांडी की राजनीति बदलाव वाली नीति से झारखंड की जनता पूरी तरह वाकिफ है l सभी जानते हैं किस तरह बाबूलाल मरांडी ने 2006 से लेकर 2019 विधानसभा चुनाव तक भाजपा के खिलाफ आग उगलने का काम किया। इतना ही नहीं, 2019 का लोक सभा चुनाव में तो झामूमो और कांग्रेस के समर्थन से बाबूलाल मरांडी ने भाजपा के खिलाफ कोडरमा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था। जब चुनाव में हारे तो विधान सभा चुनाव में भी महागठबंधन के साथ चुनाव लड़े। अपने संकल्प यात्रा में उन्हें राज्य की जनता को यह जरूर बताना होगा कि अब वे किस मुंह से हेमंत सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

संथाल से भाजपा का हो चुका है सूपड़ा साफ, फिर से जनता करारा जवाब देगी।

बाबूलाल मरांडी अपने संकल्प यात्रा को संथाल परगना से शुरू करने जा रहे हैं। यात्रा के अंतिम चरण में बाबूलाल मरांडी कोल्हान भी जाएंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी अपनी जन आशीर्वाद यात्रा को संथाल परगना और कोल्हान में फोकस किया था। ऐसा कर वे दोबारा सत्ता पाने का दावा किए थे। लेकिन झामुमो को सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें इसी संथाल और कोल्हान प्रमंडल से मिली थी। इन दो प्रमंडलों में तो भाजपा का सुपड़ा साफ हो गया था। यहां तक की खुद रघुवर दास कोल्हान प्रमंडल में अपने विधानसभा सीट (जमशेदपुर पूर्वी) से चुनाव तक हार गए।

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