झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व गृह सचिव आईएएस राजीव अरुण एक्का पर बीते दिनों बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कथित रूप से एक वीडियो जारी आरोप लगाया था. आरोप था कि राजीव अरुण एक्का अपने सहयोगी विशाल चौधरी के घर पर सरकारी फाइल को साइन कर रहे हैं. अब इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है. इस बाबत में कार्मिक प्रशासनिक सुधार व राजभाषा विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है.
झारखंड सरकार ने गठित की एक सदस्य जांच आयोग, 6 महीना में देना होगा रिपोर्ट
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आईएएस राजीव अरुण एक्का मामले में जारी वीडियो में कथित रूप से एक निजी स्थान पर कुछ आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हुए दिखाया गया है. उपरोक्त वीडियो क्लिप में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन एक लोक सेवक ने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों को जन्म दिया है. राज्य सरकार इस मुद्दे को सार्वजनिक महत्व मानती है. इस मामले की संपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है. इसलिए जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा 3 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनोद कुमार गुप्ता (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में आयोग की नियुक्ति की गयी है. मामले से संबंधित सभी मुद्दों और आरोपों के बारे में जांच करके आयोग छह महीने के भीतर रिपोर्ट देगी.