गिरिडीह के व्यवसायी सुरेश जालान का 90 करोड़ का प्राइवेट जेट: समाज के लिए उपलब्धि या दिखावा?

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गिरिडीह के व्यवसायी सुरेश जालान ने 90 करोड़ रुपये का प्राइवेट जेट खरीदा है, और अब सोशल मीडिया पर उनकी जमकर चर्चा हो रही है। महंगे विमान के साथ उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, लोग बधाइयों की बौछार कर रहे हैं, और मीडिया भी इसे एक “उपलब्धि” के रूप में पेश कर रही है। लेकिन क्या यह वास्तव में समाज के लिए कोई उपलब्धि है, या सिर्फ अमीरी का दिखावा?

समाज और राज्य को क्या मिला?
सुरेश जालान एक बड़े व्यापारी हैं, दुनियाभर में वे बड़े व्यवसाइयों की सूची में 299वें स्थान पर है , लेकिन सवाल उठता है कि उनका गिरिडीह, झारखंड या देश के विकास में क्या योगदान है? क्या उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, गरीबी या बुनियादी ढांचे के लिए कुछ किया? गिरिडीह एक औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद पिछड़े जिलों में आता है। यहां के युवा रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं, सड़कें जर्जर हैं, अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, और शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है।

अगर कोई उद्योगपति इतना संपन्न है कि वह 90 करोड़ का जेट खरीद सकता है, तो क्या उसकी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह इस पैसे का कुछ हिस्सा समाज के कल्याण में लगाए? क्या जेट खरीदने से गिरिडीह के लोगों को रोजगार मिलेगा? क्या इससे गरीब बच्चों को शिक्षा मिलेगी? क्या इससे झारखंड के हालात सुधरेंगे?

अमीरों का महिमामंडन बनाम वास्तविक हीरो
आजकल मीडिया ऐसे व्यवसायियों की उपलब्धियों का महिमामंडन करने में लगी रहती है, जबकि असली हीरो वे लोग हैं जो समाज की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। डॉक्टर, शिक्षक, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता—ये सभी असली योगदानकर्ता हैं, लेकिन इन्हें शायद ही कभी इतना प्रचार मिलता है।

क्या होना चाहिए?

अगर सुरेश जालान गिरिडीह या झारखंड के विकास के लिए कोई बड़ी पहल करते, अस्पताल या स्कूल बनवाते, गरीबों को मदद देते, तो यह सच में गर्व की बात होती।
मीडिया को चाहिए कि वह सिर्फ अमीरों के भौकाल को बढ़ावा देने के बजाय उनके सामाजिक योगदान पर भी ध्यान दे।
जनता को भी सोचना चाहिए कि सिर्फ किसी के पैसे वाले होने से वह महान नहीं हो जाता, बल्कि उसका समाज के लिए किया गया काम ही असली पहचान होती है।

निष्कर्ष
सुरेश जालान का जेट खरीदना उनकी निजी उपलब्धि हो सकती है, लेकिन यह समाज के लिए किसी भी रूप में कोई बड़ी खबर नहीं होनी चाहिए। अगर उन्हें सच में महिमा मंडन चाहिए, तो उन्हें गिरिडीह और झारखंड के लोगों के लिए कुछ ठोस करना चाहिए। वरना यह सिर्फ एक और अमीर व्यक्ति का दिखावा बनकर रह जाएगा।

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