फर्जी मालिक बन जमीन हड़पी, डीसी से शिकायत के बाद भी नतीजा सिफर

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चाईबासा तथा इसके आसपास जमीन की बढ़ती कीमतों के बीच उसकी खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़े की शिकायत भी लगातार सामने आ रही है. बावजूद संबंधित अधिकारी उदासीन बने हुए है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें लिखित शिकायत के बाद भी कार्रवाई शून्य है. नतीजा एक फर्जी व्यक्ति मालिक बनकर 32 डिसमिल जमीन हड़प ली. गांव वालों का कहना है कि इस जमीन के असली मालिक तथा उसके विक्रेता की भी मौत हो चुकी है. इस संबंध में कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने 18 अप्रैल 2023 को ही उपायुक्त अनन्य मित्तल से इसकी लिखित शिकायत की थी. लेकिन अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है.

क्या है पूरा मामला

कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां द्वारा उपायुक्त को सौंपे ज्ञापन के मुताबिक मौजा तमाड़बांध में मतकमहातु (महुलसाई) निवासी दो भाई चेतन देवगम तथा विजय देवगम की जमीन थी. प्रधान हो इनके पिता थे. इस जमीन का खाता संख्या-155, प्लॉट संख्या-577 व 579 तथा रकवा- 0.32 एकड़ है. लेकिन इस जमीन को मतकमहातु निवासी सुरेश चंद्र बिरुली तथा कस्तूरी बिरुली (पिता-सिद्धेश्वर बिरुली) ने बाद में खरीद लिया. लेकिन विक्रेताओं को उन्होंने पैसे का भुगतान नहीं किया. विक्रेता जब भी पैसे मांगते थे तो खरीददार आश्वासन देते थे कि जमीन की खरीद की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक साथ एकमुश्त पैसे दिये जायेंगे. लेकिन बाद में खरीददारों ने एक भी पैसे नहीं दिये. नतीजा दोनों भाई चिंता में बीमार पड़ गये. फिर उनकी मृत्यु भी हो गई. संयोग से इसके बाद क्रेता दोनों की भी अचानक मौत हो गयी. इसका परिणाम ये हुआ कि ये जमीन अब लावारिस हो गया.

क्योंकि बेचने वाले तथा खरीदने वाले सारे मर गये थे. लेकिन इसी बीच जमीन माफियाओं को इसकी भनक लग गयी और इस जमीन को हथियाने के लिये फर्जीवाड़े की मदद ली. विनोद कुमार सावैयां के अनुसार जमीन हथियाने के लिये झींकपानी से एक फर्जी व्यक्ति को बुलाया गया और उसको सुरेश बिरुली बताते हुए मतकमहातु ग्राम मुंडा धनुर्जय देवगम से फर्जी कुरसीनामा बनवाया गया. जबकि जमीन खरीद के लिये जरूरी दस्तावेज यथा जाति प्रमाण पत्र तथा आवासीय प्रमाण पत्र सदर सीओ गोपीनाथ उरांव ने निर्गत किया था. इस तरह इस जमीन के खरीददार तथा विक्रेताओं की असामयिक मृत्यु के बाद अब उसपर फर्जी सुरेश बिरुली का अवैध कब्जा हो गया है. अब इसी जमीन पर वाइल्ड जिंजर नामक एक रेस्टोरेंट चलता है. यह प्लॉट विधायक दीपक बिरुवा के नये घर के पास स्थित है.

फर्जी जाति व आवासीय प्रमाण पत्र की जांच हो : विनोद

कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां का कहना है कि इस प्लॉट का हस्तांतरण गैरकानूनी है. ये एसटी जमीन है और सीएनटी एक्ट के अधीन आती है. इस प्लॉट की खरीद-बिक्री में जिस जाति और आवासीय प्रमाण पत्रों का उपयोग हुआ है, उसको अंचलाधिकारी गोपीनाथ उरांव ने जारी किया था. इसलिये उनके खिलाफ जांच होनी चाहिये और जमीन मूल रैयत को वापस लौटायी जाये.

उपायुक्त से की थी शिकायत

इस प्लॉट के विक्रेता चेतन देवगम तथा विजय देवगम के वंशज प्रेमराज देवगम ने इस मामले की शिकायत उपायुक्त से दो माह पूर्व की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके अलावा उसने सदर अंचलाधिकारी से भी शिकायत की थी. प्रेमराज का कहना है कि चूंकि इस जमीन के खरीददार तथा विक्रेता की मृत्यु हो चुकी है. इसलिये यह जमीन अब हमें दी जाए. हम उनके वंशज है. हमारी जमीन संबंधी परंपरा भी यही कहती है.

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