बिहार विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. इस बार सत्र के दौरान कई मुद्दों को लेकर बीजेपी और महागठबंधन के नेताओं के बीच खूब बहस हुई. वहीं, सोमवार को बजट सत्र के दौरान कब्रिस्तान की घेराबंदी का मामला विधानसभा सदन में उठा. सीपीआई विधायक मनोज मंजिल ने पूछा कि राज्य के कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम कब तक पूरा हो जाएगा? इस पर मंत्री बिजेंद्र यादव ने जवाब दिया लेकिन मंत्री बिजेंद्र यादव के जवाब से मनोज मंजिल भड़क गए. उनके जवाब से वो संतुष्ट नहीं थे.
विधायक मनोज मंजिल ने इससे संबंधित सदन में सवाल किया. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 30 से अधिक ऐसे कब्रिस्तान हैं जिनकी घेराबंदी नहीं हो सकी है. इस सवाल पर प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव ने जवाब देते हुए कहा कि इसका उत्तर पहले से दिया जा चुका है. ये जवाब सुन विधायक मनोज मंजिल भड़क गए उन्होंने कहा कि मंत्री बिजेंद्र यादव क्या बोलते हैं. किसी को सुनाई ही नहीं पड़ता है.
वहीं, इस बहस के बाद सदन में प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव ने दोबारा सरकार का जवाब सदन में सुनाया. उन्हेंने कहा कि भोजपुर स्थित जिस कब्रिस्चान का मामला विधायक उठा रहे हैं वह सरकार की प्राथमिक सूची में नहीं है. जहां शांति व्यवस्था कायम है और जो जगह संवेदनशील नहीं हैं. वहां घेराबंदी की जरूरत नहीं है. यह जवाब सुनकर सीपीआई विधायक मनोज मंजिल और विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि डीएम-एसपी के साथ विधायकों को भी यह अधिकार मिले कि कौन सी जगह संवेदनशील है. विधायक भी इसका चयन कर सकें.