सीएम सोरेन ने गर्मी में किसी भी हाला में बिजली समस्या से निपटने को कसी कमर
सीएम का पदधिकरियों को आदेश गर्मी में जनता को मिले अबाधित बिजली
संवेदनशील सीएम का उर्जा विभाग को अविलम्ब 600 मेगा वाट बजली खरीदने का निर्देश
*गर्मियों में अबाधित बिजली के लिए सीएम सोरेन सीएम ने स्वयं शुरू की पहल*
*बाहर से बिजली लेकर राज्य में करे आपूर्ति -सीएम का स्पष्ट आदेश*
झारखंड में बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हैं. गर्मी के कारण राज्य में लगातार बिजली की मांग बढ़ती जा रही है. इस बीच लोड शेडिंग कर बिजली आपूर्ति की जा रही है. राज्य में लोड शेडिंग कर बिजली की आपूर्ति हो रही है. एक तरफ तापमान बढ़ रहा है, दूसरी तरफ लोड शेडिंग. जिससे लोग गर्मी से बेहाल हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे गंभीरता से लिया और विभाग को बिजली कटौती नहीं करने का आदेश दिया।सबसे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार से बिजली संकट के संबंध में जानकारी ली. ऊर्जा सचिव ने बताया कि बिजली की मांग बढ़ गयी है. 300 से 400 मेगावाट तक अतिरिक्त बिजली की मांग हो गयी है. इस कारण लोड शेडिंग करनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की मांग बढ़ गयी है, तो बाहर से बिजली खरीद कर आपूर्ति करें.
किसी भी हालत में बिजली कटौती न हो, जनता को पूरी बिजली मिले।सीएम ने कहा कि अगले तीन महीने की प्लानिंग के साथ 600 मेगावाट बिजली खरीदें. पैसा लगता है तो लगने दें पर बिजली कटौती न हो. जनता को बिजली अबाधित रूप से मिलती रहे, इसकी व्यवस्था करें. इधर सीएम से निर्देश मिलते ही ऊर्जा सचिव सह सीएमडी झारखंड ऊर्जा विकास निगम अविनाश कुमार ने झारखंड बिजली वितरण निगम को अविलंब 600 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्देश दिया।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से बिजली कटने की शिकायतें मिल रही हैं। इसे देख जेबीवीएनएल उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के लिए बेहतर कार्य योजना बनाकर व्यवस्था को दुरुस्त करे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि बिजली बिल वसूली में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए। बिजली बिल कलेक्शन के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित करें।बिजली बिल वसूली को लेकर भी दिए निर्देश बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जेबीवीएनएल अब बिजली बिल वसूली नगर विकास विभाग में कार्यरत एजेंसियों द्वारा विभाग की हाउस होल्डिंग टैक्स कलेक्शन प्रणाली के आधार पर करेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिजली बिल वसूली के लिए हाई टेंशन (एचटी) उपभो मीर में कम्युनिकेशन इक्यूपमेंट लगाकर बिजली खपत निरंतर मॉनिटरिंग करें और शत प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करें।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बिजली जेनरेटिंग कंपनियों का बकाया भुगतान के लिए जेबीवीएनएल को राज्य सरकार अपनी गारंटी पर पावर फाइनेंस कारपोरेशन से 750 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जेवीएनएल को ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाए, ताकि बिजली जेनरेटिंग कंपनियों का बकाया भुगतान किया जा सके। ज्ञात है कि बकाया होने के कारण जेबीवीएनएल एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली नहीं खरीद पा रहा है। इस कारण व्यस्त समय में लोड शेडिंग हो रही है।
सीएम से निर्देश मिलते ही ऊर्जा सचिव सह सीएमडी झारखंड ऊर्जा विकास निगम अविनाश कुमार ने झारखंड बिजली वितरण निगम को अविलंब 600 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्देश दिया. शुक्रवार की शाम तक 140 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पावर एक्सचेंज मिली. बताया गया कि 600 मेगावाट बिजली उपलब्ध नहीं है. पर जेवीएनएल द्वारा डिमांड भेज दिया गया है. जैसे-जैसे बिजली मिलती जायेगी, आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।
गर्मी के चलते बिजली की खपत अप्रैल में 2000 मेगावाट से 2700 मेगावाट तक पहुंच गयी है. जबकि जेबीवीएनएल के पास वर्तमान में 2200 से 2300 मेगावाट तक ही उपलब्धता है. अभी भी 300 से 400 मेगावाट की कमी दर्ज की जा रही है. इसके कारण शुक्रवार को भी लोड शेडिंग जारी रही. ग्रामीण क्षेत्रों में 5-8 घंटे की शेडिंग चल रही है. वहीं शहर में 2 से 4 घंटे की लोड शेडिंग हो रही है।