ढिबरा उद्योग को वैधानिक दर्जा देने की मांग लंबे समय से ढिबरा उद्योग को वैधानिक दर्जा देने की मांग उठ रही है. लोगों की मांग को देखते हुए वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार ने मार्च 2022 में एक अधिसूचना जारी की. झारखंड लघु खनिज समनुदान (संशोधन) नियमावली 2021 के तहत ढिबरा कारोबार को जीवित करने के लिए कई प्रावधान किए गए. इस नियमावली में सबसे बड़ी बात यह है कि विभिन्न सहकारी समितियों के जरिए लोगों को सीधे इसमे जोड़ने का प्रावधान किया गया है, ताकि लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. नियमावली बनने के बाद अब जेएसएमडीसी ने भंडार व प्रोसेसिंग यूनिट को संचालित करने को लेकर कार्य शुरू कर दिया है. दूसरी ओर भूतत्व निदेशालय, खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा ढिबरा डंप को चिन्हित कर निगम को उपलब्ध कराने के आदेश के तहत भी काम हो रहा है. भूतत्व विभाग ने इससे पहले 2017-18 में करीब चार दर्जन ढिबरा डंप को चिन्हित किया था. इन डंप के साथ ही अन्य जगहों पर संभावनाओं को तराशा जा रहा है. इसके आधार पर निगम का पहला प्रयास है कि वन क्षेत्र से बाहर स्थित डंप से ढिबरा लाकर उसकी प्रोसेसिंग शुरू कराई जाए. डंप में ढिबरा की क्वालिटी, क्वांटिटी सहित अन्य मूल्यांकन का काम भूतत्व विभाग को करके देना है, जबकि प्रोसेसिंग का काम करने के बाद माइका की ऑनलाइन नीलामी निगम करेगा.
जिडको करेगा जमीन की फेंसिंग
आर्थिक मजबूती के लिए ढिबरा कारोबार को पुनर्जीवित करना जरूरी है. निगम को यह जिम्मेवारी मिली है. ढिबरा भंडारण से लेकर प्रोसेसिंग तक का काम जल्द शुरू करने को लेकर निगम काम कर रहा है. जल्द ही यह धरातल पर दिखेगा. सरकार ने लोगों के हित में नियमावली में संशोधन किया है. सहकारी समितियों के जरिए लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. इस लिए जिला प्रशासन को पत्राचार किया गया है.
मार्च 2022 में जारी अधिसूचना में ये है प्रावधान -राज्य अंतर्गत ढिबरा डंप में पाए जाने वाले अभ्रक खनिज, जिसका व्यवसायिक मूल्य हो, के भंडार / डंप का निष्पादन झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लि. के माध्यम से किया जाए, जिसके बाबत मार्गदर्शक सिद्धातों का निरूपण विभाग द्वारा किया जाएगा.
— किसी भी ढिबरा डंप का डिस्पोजल के पूर्व उसका भूतत्व निदेशालय, खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा पूर्ण मानचित्रण (मैपिंग). भंडारण की मात्रा एवं गणवत्ता का आकलन करेगा।
— ढिबरा से अभ्रख के निष्काषन, प्रसंस्करण एवं अन्य संबंधित कार्यों के लिए सरकारी समितियों से लिए गए मदद के बावत नियमानुकूल मजदूरी / पारिश्रमिक का भुगतान निगम करेगी.
—निगम यह सुनिश्चित करेगी कि ढिबरा से अभ्रख की निकासी, प्रसंस्करण एवं अन्य संबंधित कार्य पर लगाए गए सहकारी समितियों के द्वारा किसी भी स्थिति में श्रमिकों का उपयोग नहीं करेगी.
— निगम ढिबरा से निकाले गए अभ्रख की बिक्री के लिए ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से एजेंसी का चयन कर — निगम ढिबरा के लिए अलग लेखा-जोखा संधारित करेगा व प्रत्येक तीन माह में मुनाफा का आकलन क मात्र 05 प्रतिशत कटौती के उपरांत राशि राजकोष में जमा करेगी.
–संपूर्ण कार्य का अंकेक्षण महालेखाकार, झारखंड द्वारा नामित सीए से कराना होगा एवं इसका लेखा-जोखा विभाग को भी उपलब्ध कराना होगा.
नया वर्ष 2023 कोडरमा जिलावासियों के लिए सुखद रह सकता है. माइका की चमक को लेकर विश्व पटल पर छाने वाले कोडरमा की पहचान एक बार फिर से लौटाने को लेकर राज्य सरकार गंभीर दिख रही है.
कोडरमा के डोमचांच पहाड़पुर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ढीबरा के वैध व्यवसाय के सांकेतिक उद्घाटन किया। सोरेन ने ढीबरा लदे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वहीं इस मौके पर मौजूद ढीबरा चुनने वाले मजदूरों- बात कर उन्हें ढीबरा व्यवसाय को कोडरमा में पुर्नजीवित करने का भरोषा भी दिया। ढीबरा खरीद बिक्री की पॉलिसी के तहत कोडरमा में दो सहकारी समिति का रजिस्ट्रेशन किया गया है। जबकि अन्य तीन महिला ग्रुप को सहकारी समिति के निबंधन की प्रक्रिया चल रही है। सीएम के ढीबरा व माईका व्यवसाय को पुर्नजीवित करने को लेकर उठाये जा रहे कदम को लेकर इस व्यवसाय से जुड़े लोगों व मजदूरों में काफी हर्ष देखा जा रहा है। इस मौके पर डीसी आदित्य रंजन जिला खनन पदाधिकारी दारोगा राय समेत अन्य अधिकारी मौजूद थें।