झारखंड सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने में जुटी है। हर जिले में अंग्रेजी मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि बच्चों को निजी स्कू की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने तीसरी बार बजट पेश किया. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,01,101 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इस बार की बजट में राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के लिए 11,660.68 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया है.
इस संबंध में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस बार का भी बजट सभी राज्यवासियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. हर सेक्टर पर फोकस किया गया है. शिक्षा पर सरकार गंभीर है।
राज्य सरकार उच्च शिक्षा के लिए फोकस कर रही है।
झारखंड में रांची-खूंटी, गिरिडीह व साहिबगंज जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत होगी। वहीं, हजारीबाग के बरही, रांची के बुंडू, रामगढ़ के पतरातू और चाईबासा, जमशेदपुर व खूंटी के नॉलेज सिटी में राजकीय पोलिटेक्निक का निर्माण कार्य शुरू होगा। इसके लिए झारखंड सरकार तैयारी कर रही है। इंजीनियरिंग व पोलिटेक्निक में नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए इसे शुरु किया जा रहा है। रांची- खूंटी, गिरिडीह व साहिबगंज में इंजीनियरिंग कॉलेज विश्वस्तरीय सुविधा के साथ शुरू होंगे। नए संस्थानों को खोलने के साथ-साथ राज्य सरकार ने पुराने संस्थानों को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप ) में चलाने का निर्णय लिया है। गोड्डा, जामताड़ा, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग, खूंटी, गिरिडीह के बगोदर और पलामू में नवनिर्मित आठ पोलिटेक्निक को नए शैक्षणिक सत्र से पीपीपी मोड में चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कोडरमा व रामगढ़ के दो नवनिर्मित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय ( इंजीनियरिंग कॉलेज) को भी पीपीपी मोड में चलाया पीपीपी मोड में चलाने के लिए उच्च व तकनीकि शिक्षा विभाग संस्थाओं को आमंत्रित करेगा और मानकों को पूरा करने वाले संस्थान के साथ इसके लिए करार करेगा। बताते चलें कि, आठ नए पोलिटेक्निक में पढ़ाई शुरू होने के साथ राज्य को 2400 सीटें मिल जाएंगी और उसमें राज्य के छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सकेगा। राज्य के 17 पोलिटेक्निक में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिएशन प्राप्त कर नए संकाय की पढ़ाई शुरू की जाएगी। राज्य के सभी इंजीनियरिंग व पोलिटेक्निक कॉलेजों में निःशुल्क वाई-फार्ट की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, पठन-पाठन आईसीटी का उपयोग भी सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से सभी राजकीय तकनीकी शिक्षण संस्थानों व कार्यालयों को पेपरलेस करने की तैयारी की जा है। राज्य सरकार की ओर से सभी राजकीय तकनीकी शिक्षण संस्थानों व कार्यालयों को पेपरलेस करने की तैयारी की जा रही है। सरकार 2025 तक सभी संस्थानों को पेपरलेस करेगी। 2023-24 के नए शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरुआत रांची के राजकीय पोलिटेक्निक व बीआईटी सिंदरी इंजीनियरिंग कॉलेज से होगी। सरकार ने आने वाले शैक्षणि सत्र में भी बीआईटी सिंदरी में जॉब प्लेसमेंट के लक्ष्य को बरकरार रखने का निर्णय लिया है।झारखंड सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने में जुटी है। हर जिले में अंग्रेजी मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि बच्चों को निजी स्कूल की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।