मिड डे मील घोटाला पर हेमन्त सरकार गंभीर, सीएम इसके दुरुस्तिकरण पर ले सकते है फैसला

झारखण्ड
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हेमंत सोरेन सरकार मिड डे घोटाला के बाद सरकार सतर्क हो गई है । इस तरह के घोटालों को रोकने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनानी बनाई है जो मिड डे मील पर लगातार मॉनिटरिंग करेगी।झारखंड सरकार के मिड डे मील के खाते से करीब 100 करोड़ रुपये के फर्जी हस्तांतरण से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी भानु कंस्ट्रक्शन के पार्टनर बिल्डर संजय कुमार तिवारी, एसबीआई हटिया ब्रांच के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अजय उरांव और सुरेश कुमार के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप तय किया गया. इस मामले में अब सीबीआई की ओर से सुबूत पेश किया जाएगा. इससे पूर्व आरोप गठन के दौरान तीनों आरोपियों से उसके ऊपर लगे आरोपों के बारे में अदालत ने पूछा.वहीं तीनों आरोपियों ने अदालत से कहा कि वह इस मामले में निर्दोष हैं. आगे हम ट्रायल पेश करेंगे. इसके बाद कोर्ट ने आगे की कार्रवाई करते हुए तीनों के खिलाफ आरोप तय किया. बता दें कि सीबीआई ने मिड डे मील घोटाले के मामले में अगस्त 2017 में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी. संजय तिवारी की डिस्चार्ज 24 अप्रैल को अदालत ने खारिज कर दी थी. जबकि अजय उरांव की अर्जी पूर्व में ही खारिज हो चुकी है. मालूम हो कि संजय ने सुप्रीम कोर्ट से वादा किया था कि वह अपने पूर्वजों से मिली जमीन वाराणसी के प्रसिद्ध होटल ‘होटल क्लार्क, वाराणसी के निदेशक को 17.54 करोड़ रुपये में बेच कर पैसे बैंक को दे देगा, जिसकी कॉपी कोर्ट में सौपी गई थी. उसके बाद ईडी ने जांच के बाद यह दावा फर्जी पाया गया है. ईडी ने जांच में पाया कि संजय तिवारी ने खरीद-बिक्री के जो कागजात कोर्ट में पेश किए, वे फर्जी हैं क्योंकि संजय तिवारी के नाम वह सम्पति है ही नहीं. उसने कोर्ट को गुमराह करने की साजिश रची थी. सरकार घोटाला के बाद इस पर सतर्क हो गई है। हेमंत सोरेन सरकार झारखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षक सरकार के एक फरमान जारी किया है. शिक्षा विभाग ने उनसे मिड डे मील के अनाज की खाली बोरियों का पूरे छह साल का हिसाब मांगा है. साथ ही इन बोरियों को बाजार में सरकार की ओर से निर्धारित रेट पर बेचने और इससे मिलने वाला पैसा जमा कराने को भी कहा है. इसे लेकर लग-अलग जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों और प्रखंड के बीईईओ को पत्र लिखा है. पत्र को अति महत्वपूर्ण बताते हुए इस आदेश का पालन करने को कहा गया है. दरअसल, विभाग ने इसे लेकर पहले भी पत्र जारी किए थे, लेकिन अनाज की खाली बोरियों का सही-सही हिसाब नहीं मिल पाया. अब अलग-अलग जिलों में जो पत्र जारी किए गए हैं, उसमें कहा गया है कि इस संबंध में अब तक
उसमें कहा गया है कि इस संबंध में अब तक रिपोर्ट जमा नहीं किया जाना घोर अनुशासनहीनता है. सभी बीईईओ से यह भी पूछा गया है कि अगर वे निर्धारित समय सीमा के भीतर रिपोर्ट नहीं जमा करते हैं तो क्यों नहीं उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाए? प्रखंड शिक्षा प्रसार अधिकारियों से कहा गया है कि पिछले छह सालों में सभी स्कूलों में अनाज की आपूर्ति जिन बोरियों में की गई. उसका पूरा विवरण और उसकी बिक्री से मिले रुपये के में जिला शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध कराएं.झारखंड में मिड डे मील योजना के संचालन और इसकी गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक विशेष प्राधिकरण बनेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य सचिव आरएस शर्मा और शिक्षा सचिव डॉ. डीके तिवारी को प्राधिकरण का प्रारूप बनाकर उसे तत्काल कैबिनेट में पेश करने का निर्देश दिया है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में एमडीएम की गुणवत्ता और साफ-सफाई में कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने भोजन को तैयार कराने के दौरान विशेष निगरानी बरतने को भी कहा है। साथ ही राज्यभर के विद्यालयों का सर्वेक्षण कर मिड डे मील की गुणवत्ता और इसकी साफ-सफाई पर रिपोर्ट तैयार करने का भी आदेश दिया है। झारखंड के स्कूली बच्चों के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने कई अहम फैसला लिया है। मिड डे मील में बच्चों को सप्ताह में पांच दिन अंडा या फल देने का निर्देश दिया गया है। वहीं सभी जिलों में फोर्टिफाइड चावल से मिड डे मील तैयार होगा।

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