रांची। झारखंड की राजनीति मे चार नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने वाला है, ये निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लिया गया है। इन मे से सबसे पहले है झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय समिति सदस्य विनोद पांडेय को भी मंत्री पद का दर्जा दिया गया है। राजेश ठाकुर और विनोद पांडेय झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के नेतृत्व में गठित झारखंड राज्य समन्वय समिति के सदस्य हैं। उनके अलावा फागू बेसरा और योगेंद्र प्रसाद को भी मंत्री के समकक्ष सुविधाएं प्रदान की जाएगी। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग समन्वय ने इस संबंध में संकल्प जारी किया है। ज्ञात हो कि झारखंड सरकार ने झारखंड राज्य समन्वय समिति का गठन किया है। समिति का उद्देश्य राज्य सरकार को विविध विषयों पर परामर्श देना है। इसमें औद्योगिक विकास, आधारभूत संरचना की व्यवस्था आदि शामिल है। समिति राज्य में मजदूरों को पलायन को भी परामर्श देगी। इसका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। आपको बता दे कि समिति की बैठक प्रत्येक माह होनी है।जिसे आवश्यक सहायता विभाग की ओर से प्रदान किया जाएगा। आपको बता दे झारखंड राज्य समन्वय समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता और पूर्व मंत्री बंधु तिर्की भी शामिल हैं। इस समिति का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए होगा। यह समिति समय समय पर झारखंड सरकार को सलाह देने का काम करेगी। समिति के अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर ही इसका कार्यालय होगा। इस समिति को सचिवालीय सहायता मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी समन्वय विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।
