फॉरेस्ट लैंड को रैयती लैंड बताकर बेचे जाने की जांच के लिए दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने अधिवक्ता राजीव कुमार को निर्देश दिया है कि वे हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के संबंध में मीडिया के समक्ष गैर जिम्मेदाराना बयान न दें. हाईकोर्ट ने कहा है कि चाईबासा मनरेगा घोटाला से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हमने ED को जांच नहीं दी,फिर भी मीडिया में यह खबरें प्रकाशित हुई कि हाईकोर्ट ने ED को इस मामले की जांच का जिम्मा दिया गया है. कोर्ट ने कहा इसलिए अधिवक्ता इस बात का ध्यान रखें कि मीडिया के सामने लापरवाही वाला बयान नहीं देना चाहिए.
बता दें कि पिछले दिनों हाईकोर्ट में चाईबासा जिले में 28 करोड़ के मनरेगा घोटाला की जांच की मांग पर दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी. जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह मामले में दर्ज सभी प्राथमिकी की प्रति ईडी को दे. साथ ही कोर्ट ने ईडी को एक माह में इसकी जांच कर पूरी कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 सितंबर को होगी.