भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीता सोरेन के झामुमो छोड़ भाजपा ज्वाइन करने का स्वागत किया है. कहा कि झामुमो छोड़ने के फैसले पर सीता ने शिबू सोरेन के नाम जो मार्मिक पत्र लिखे हैं उसमें उनकी पीड़ा स्पष्ट झलक रही है. वे अपनी पार्टी और परिवार के सदस्यों से वर्षों से प्रताड़ित हो रही थीं. बाबूलाल ने कहा कि अपमान सहने की भी एक सीमा होती है. सीता सोरेन शिबू सोरेन की बड़ी बहू और स्व दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं. दुर्गा सोरेन ने छाया की तरह झारखंड आंदोलन में गुरुजी का साथ दिया और संघर्ष किया. यदि दुर्गा सोरेन जीवित होते तो झामुमो में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होते, लेकिन सीता सोरेन की पीड़ा यही है कि दुर्गा सोरेन के संघर्ष को भुला दिया गया और जिन्होंने कोई संघर्ष नही किया वे शीर्ष पर पहुंच रहे. इसलिए सीता सोरेन की नाराजगी स्वाभाविक है.