भाजपा शाषित राज्यों में पेपर लीक हो तो भाजपाई रजाई ओढ़ लेते हैं, सत्ता छोड़ने नहीं कहते

झारखण्ड
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पेपर लीक मामले में भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि उसके शासनकाल में गुजरात में पेपर लीक के 22 मामले सामने आ चुके हैं ।कांग्रेस नेता ने कहा कि आज गुजरात में कॉलेजों और सरकारी नौकरियों सहित स्कूलों के पेपर भी लीक रहे हैं, और परीक्षाएं टल रही है। क्या कारण है कि जहां जहां भाजपा की सरकार है, वहां एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं ।गुजरात में भाजपा 27 साल से सत्ता में है और जिम्मेदार किसी दूसरे को उठा रहा था रहती है ।भाजपा सरकार युवाओं का भविष्य तबाह कर रही है। भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश में कई सालों से व्यापम घोटाला चल रहा है ।इस मसले पर भाजपा के सारे नेता चुप्पी साध लेते हैं लेकिन नहीं नेट पर सत्ता से अपने आपको अलग कर लेते हैं।
मार्च 2018 खूब इंतजार करने के बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी यूपीपीसीएल में 2849 पदों पर भर्ती आई । अलग-अलग पदों पर हजारों वैकेंसी थी। फॉर्म भरे, फीस भरी, एडमिट कार्ड लेकर, चप्पल पहनकर पेपर देने गए। भटक भटक के सेंटर ढूंढे, क्योंकि ऑनलाइन परीक्षा थी। सेंटर ऐसे इंस्टीट्यूट्स पर गए थे जहां कंप्यूटर हों। ऐसे इंस्टीट्यूट गली-कूचे में थे। फिर भी बच्चे समय पर पहुंचे और पेपर दिया, लेकिन फिर वही । पेपर लीक। एसटीएफ को जांच में लगाया गया। बस इतना पता चला कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। एग्जाम रद्द कर दिया गया।
लोअर सबॉर्डिनेट का एग्जाम रद्द:
सितम्बर 2016। सपा की सरकार थी। यूपीएसएसएससी लोअर सबॉर्डिनेट की 641 जगह निकली। 67 हजार 500 युवाओं ने धड़ल्ले से फॉर्म भर डाले। एग्जाम की तैयारी भी शुरू कर दी। पर दो साल तक कोई डेट नहीं आई। एक लम्बे इंतजार के बाद 15 जुलाई 2018 को एग्जाम हुआ। बस 31 हजार लड़के- लड़कियों ने ही एग्जाम दिया। वो भी पेपर लीक होने की वजह से रद्द कर दिया गया। यह सब भारतीय जनता पार्टी के शासित उत्तर प्रदेश की एकमात्र छोटी सी उदाहरण है।

. यूपीएसएसएससी ट्यूबवेल ऑपरेटर परीक्षा पोस्टपोन
सितम्बर 2018,ट्यूबवेल ऑपरेटर के लिए एग्जाम होना था। इसके 3210 पदों के लिए 20 लाख 5 हजार 376 फॉर्म सपा सरकार में ही भर दिए गए थे। पर फिर वही कहानी – पेपर लीक हुआ और एग्जाम पोस्टपोन हो
2018 में 3 और परीक्षाएं हुई थीं, एक में गलत पेपर बंट गया और दो में धांधली हो गई
यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस : परीक्षा 18 और 19 जून 2018 को होनी थी। 10 लाख अभ्यर्थी एग्जाम देने पहुंचे। पेपर शुरू हुआ तो पता चला कि पर्चे ही गलत बांट दिए गए। पहली पाली की परीक्षा में दूसरी पाली का पेपर दे दिया गया। ये परीक्षा भी नई तारीख आने तक रद्द कर दी गई।
. ग्राम विकास अधिकारी मई 2018 में 1953 पदों पर ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती निकली। दिसम्बर 2018 में पेपर भी हुआ। 9.1 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी। सब ठीक चल रहा था। अगस्त 2019 में रिजल्ट भी आ गया। लगभग डेढ़ साल बीतने के बाद भर्ती रद्द, ग्राम विकास अधिकारी : मई 2018 में 1953 पदों पर ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती निकली। दिसम्बर 2018 में पेपर भी हुआ। 9.1 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी। सब ठीक चल रहा था। अगस्त 2019 में रिजल्ट भी आ गया। लगभग डेढ़ साल बीतने के बाद भर्ती रद्द कर दी गई। वजह रिजल्ट के बाद धांधली, यूपीएसएसएससी पेट एग्जाम: 6 अगस्त 2021, 75 जिले, पीटी एग्जाम था। 20 लाख 73 हजार 540 युवा पेपर देने अपने सेंटर्स पर पहुंच गए थे। यूपीएसएसएससी की तैयारी पूरी थी। 70000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, उसके बावजूद पेपर आउट हो गया। भाजपा शासित राज्यों में शासित राज्यों में लगता पेपर की घटना होती रही मगर भाजपा के बड़े नेताओं ने इस मसले पर कोई भी बयान नहीं दिया।

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