रांची। रांची के हिंदपीढ़ी इलाके मे स्थित इस्लामी मरकज मदरसें के 150 छात्रों के नाम पर केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई छात्रवृत्ति का घोटाला किया गया है। डेढ़ सौ फर्जी छात्रों की सूची केंद्र सरकार को भेजकर 7.50 लाख रुपए की अवैध निकासी की गई है। जिन छात्रों के नाम पर राशि ली गई है, वे इस्लामी मरकज मदरसा के नहीं है। यह मामला दो दिन पहले तब प्रकाश मे आया, जब केंद्र सरकार की दो सदस्यीय टीम जांच करने के लिए इस्लामी मरकज मदरसा पहुंची और जिन छात्रों का नाम की सूची भेजी गयी थी परंतु वो नाम के छात्र वहां पड़ते ही नहीं थे। आपको बता दें टीम ने मदरसा प्रबंधन समिति और विद्यार्थियों से पूछताछ की तो इस दौरान टीम को प्रबंधन समिति और मदरसा के बच्चों ने बताया कि मदरसा को केंद्र सरकार की ओर से छात्रवृत्ति की राशि भेजी ही नहीं गई है। इसके बाद टीम मदरसा प्रबंधन समिति के पदाधिकारी और बच्चों का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर अपने साथ ले गई। प्रबंधन समिति को पता चला कि मदरसा के एक पदाधिकारी की मिलीभगत से राशि की निकासी की गई है। समिति अब आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी कर रही है। मामले को देखते हुए बीते मंगलवार की रात प्रबंधन समिति की इस्लामी मरकज में बैठक हुई। जिसमें मुख्य रूप से सदर मजहर अली सिद्दीकी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कशिश और मो रहमान से पूछताछ की गई। रहमान ने समिति को बताया कि उन्होंने कोड तैयार करने के लिए कशिश से मदद ली थी। इसके बाद क्या हुआ, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। समिति को आशंका है कि बाहर के छात्रों को मदरसा का बताकर कशिश ने सूची केंद्र को भेजी है।
केंद्र सरकार की ओर से विद्यार्थियों को दी गई राशि की जांच के लिए देशभर में टीम का गठन किया गया। टीम को निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्येक संस्थानों में जाकर यह पता करें कि छात्रों को राशि प्राप्त हुई है या नहीं। इसी के तहत केंद्रीय टीम हर जिले में जा रही है और छात्रों से यह पता कर रही है कि उनके खाते में पैसे गए हैं कि नहीं। इसी क्रम में 2 सदस्यीय टीम इस्लामी मरकज में गई थी। केंद्र सरकार की ओर से सभी मदरसों से ओबीसी छात्रों की सूची मांगी गई थी। सूची भेजने के लिए सभी मदरसा प्रबंधन समिति को एक कोड तैयार करने के लिए कहा गया था। कोड हासिल करने के लिए मदरसा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष मो रहमान ने कांके निवासी कशिश नामक व्यक्ति से संपर्क किया। कशिश के माध्यम से समिति ने कोड तैयार किया। उसे कोड के माध्यम से मदरसा के 150 विद्यार्थियों की सूची केंद्र सरकार को भेज दी। कहा गया कि सूची में अंकित सभी नाम इस्लामी मरकज में पढ़ने वाले बच्चों के हैं। हालांकि सूची भेजने से पहले समिति के अध्यक्ष व सचिव से भी अनुमति नहीं ली गई। इसी आधार पर सरकार ने सभी छात्रों के खाते में राशि भेज दी थी।
