दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के मंथन में झारखंड की कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का संबोधन .

न्यूज़
Spread the love

दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के मंथन में झारखंड की कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का संबोधन .




आज दिल्ली में ” सहकार से समृद्धि ” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के मंथन बैठक में झारखंड की कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भाग लिया  . इस बैठक में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्री मौजूद रहे . देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के समझ झारखंड की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने झारखंड के परिपेक्ष्य में अपना सुझाव रखा . उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में झारखंड एक पिछड़ा राज्य है और इस राज्य को विशेष सहयोग की जरूरत है . इसके लिए केंद्र सरकार को कई मामलों में नीतिगत हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है . मंत्री ने कहा कि राज्य में इस वक्त 44 सौ MPSC कार्यरत है , जो आर्थिक रूप से कमजोर है . राज्य सरकार ने इन्हें चार श्रेणियों में बांटा है . अब तक इन्हें 28 करोड़ रुपए वर्किंग कैपिटल के तौर पर दिया जा चुका है . केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय को झारखंड के कुछ चुनिंदा MPCS को आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने की जरूरत है . इन्हें वर्किंग कैपिटल देते हुए सुदृढ़ किया जा सकता है . मंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे प्रदेश जिसे तीसरी श्रेणी में रखा गया है उन्हें  सहकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए वर्किंग कैपिटल की जरूरत होगी , ताकि ट्रेनिंग सेंटर और रीजनल संस्थानों को विकसित किया जा सके . देश में विश्व स्तर के बड़े गोदाम बनाने की बात हो रही है पर सच्चाई ये है कि झारखंड में 57 प्रतिशत अंतर देखने को मिल रहा है . भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए गोदाम का निर्माण की योजना है . उन्होंने केंद्रीय सहकारिता मंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखते हुए कहा कि पैक्स के द्वारा 10 प्रतिशत के अंशदान पर केंद्र सरकार गोदाम निर्माण करने की बात कह रही है ,  लेकिन झारखंड जैसे प्रदेश जिसे तीसरी श्रेणी में रखा गया है उसके लिए ये 10 प्रतिशत का अंशदान भी संभव नहीं है . राज्य के पैक्स उस स्थिति में नहीं है . ऐसे में   केंद्र सरकार को गोदाम के निर्माण में 100 प्रतिशत का सहयोग करना चाहिए . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि वर्तमान में देश में फसल के भंडारण क्षमता मात्र 14 प्रतिशत है . इस स्थिति में धान की MSP को लीगलाइज करना जरूरी है . देश भर में 8 लाख को _ ऑपरेटिव सोसाइटी है लेकिन मात्र 15 सौ ही ST/ SC को _ ऑपरेटिव सोसाइटी का संचालन हो रहा है . जबकि इनके चुनाव में हम ST/ SC के आरक्षण की बात करते है . ये समाज काफी पिछड़ा है और इनके लिए कुछ नीतिगत हस्तक्षेप करने होंगे . केंद्र सरकार विशेष योजना चला कर इनको आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है . खास कर जो नई समितियों का गठन होगा उसके लिए ये कदम उठाना होगा . मंत्री ने कहा कि झारखंड के फुद्दी में ट्रेनिंग सेंटर का संचालन हो रहा है जहां बेहतर आधारभूत संरचनाएं पहले से मौजूद है . इस सेंटर को NCCT ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाए . झारखंड तिलहन और दलहन के उत्पादन में बेहतर कर सकता है . इसके लिए नाफेड का झारखंड में रीजनल सेंटर स्थापित करना चाहिए . ऐसा करने से उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *