आमतौर पर ऐसा देखने को मिलता है कि लोग अपने बच्चों का एडमिशन प्राइवेट स्कूल में कराने के लिए परेशान रहते हैं. लेकिन, एक झारखंड ऐसा राज्य है, जहां सरकारी स्कूलों में नामांकन के लिए होड़ मची है. दरअसल झारखंड सरकार के उत्कृष्ट विद्यालयों में इस बार नामांकन के लिए 300% से ज्यादा आए आवेदन मिले हैं.
झारखंड के सरकारी उत्कृष्ठ विद्यालयों में नामांकन के लिए होड़ मची है. 11,986 सीट पर एडमिशन के लिए 41,330 आवेदन प्राप्त हुए है. राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए सीबीएसई संबद्धता प्राप्त 80 उत्कृष्ट विद्यालयों नामांकन के लिए 41330 आवेदन जमा किए जा चुके हैं, जो कुल सीट 11986 की तुलना में 345 प्रतिशत अधिक हैं. मालूम हो कि 25 मई तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित थी. बाद में अभिभावकों की मांग पर तिथि बढ़ाई गई। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में नामांकन के लिए मंगलवार को रांची सहित पूरे राज्य में चयन परीक्षा हुई. प्रथम मेधा सूची का प्रकाशन 7 जून को होगा. 12 जून से मेधा सूची के अनुसार नामांकन शुरू होगा. राज्य में अभी कुल 80 आदर्श विद्यालय में इस सत्र से पढ़ाई शुरू हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुशी जाहिर की है और सभी को बधाई दी है. बताया गया कि इसके बाद प्रखंड और पंचायत स्तर पर आदर्श विद्यालय शुरू किए जाएंगे, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सबसे अधिक 4241 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इसके बाद पलामू से 3524, रांची से 2766, लोहरदगा से 2637, चतरा से 2391 पूर्वी सिंहभूम से 1996, सरायकेला खरसावां से 1929, एवं हजारीबाग से 1859 आवेदन प्राप्त मिले हैं. अभिभावकों की मांग को देखते हुए उत्कृष्ट विद्यालयों में आवेदन जमा करने की समय सीमा 25 मई 2023 तक बढ़ाई गई थी. अब चयन परीक्षा का आयोजन 30 मई को होगा. वहीं प्रथम मेधा सूची का प्रकाशन 7 जून को होगा. 12 जून से मेधा सूची के अनुसार नामांकन प्रारंभ होगा..
झारखंड के युवा एवं यशस्वी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ किया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. निजी स्कूलों को टक्कर देने के लिए 4 हजार 496 उत्कृष्ट विद्यालय चरणबद्ध तरीके से खोले जायेंगे. पहले चरण में शुरू किये जा रहे सभी 80 उत्कृष्ट विद्यालय सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है. इन स्कूलों में बिलकुल हाईटेक तरीके से पढ़ाई कराई जाती है. स्कूल में बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासरूम से लेकर कई अन्य तरह की सुविधाएं मौजूद हैं. यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में शामिल होने का अवसर मिलता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने सभी उत्कृष्ट स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) से सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षित किया गया है। हेमंत सोरेन ने कहा, “झारखंड के आदिवासी, दलित, पिछड़े, मजदूरों और सभी वर्गों और समुदायों के किसानों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।”